गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने अपने सूबे को लेकर दिये गये एक बयान के संबंध में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल पर पलटवार किया है। सिब्बल ने दावा किया था कि असम कभी म्यांमार का हिस्सा था । असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया ने सिब्बल को पत्र लिखकर बयान वापस लेने और माफी मांगने को कहा। इस हफ्ते की शुरुआत में नागरिकता मुद्दे पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए सिब्बल ने दावा किया था कि असम म्यांमार का हिस्सा था और 1824 में ब्रिटिश द्वारा क्षेत्र का कुछ हिस्सा जीतने के बाद इसे उन्हें सौंप दिया गया था।
‘असम कभी भी म्यांमार का हिस्सा नहीं था’
कपिल सिब्बल के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को कहा था कि असम पर कुछ समय के लिए कब्जे को छोड़कर राज्य कभी भी म्यांमार का हिस्सा नहीं था। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘असम कभी भी म्यांमार का हिस्सा नहीं था। यह सच है कि अहोम शासन के दौरान म्यांमार के लोगों का हमारे लोगों के साथ संघर्ष हुआ था। लगभग एक-दो महीने की बेहद छोटी सी अवधि के लिए हम म्यांमार के कब्जे जैसी स्थिति में थे। जिन लोगों को इतिहास के बारे में कोई जानकारी नहीं है, उन्हें इस पर टिप्पणी करने से बचना चाहिए।'
लंबे समय तक कांग्रेस में रहे हैं सिब्बल
कांग्रेस नेता सैकिया ने शनिवार को सिब्बल को लिखे पत्र में दावा किया, ‘असम के इतिहास की गलत प्रस्तुति बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और इसने असम के गौरव और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई है। ऐसा लगता है कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद और AAMSU ने आपको असम के इतिहास के बारे में गलत जानकारी प्रदान की होगी और आपकी टीम प्रस्तुति से पहले जानकारी की जांच करने में विफल रही है।’ बता दें कि कपिल सिब्बल लंबे समय तक कांग्रेस में थे और केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं। सोशल मीडिया पर भी सिब्बल के इस बयान की काफी आलोचना हुई और लोगों ने उनके लिए बेहद कड़े शब्द इस्तेमाल किए।
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