हिमाचल प्रदेश: प्रतिभा सिंह नहीं लड़ीं विधानसभा चुनाव, फिर भी सीएम रेस में क्यों हैं आगे
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के विजयी होने के साथ ही पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे बतायी जा रही हैं।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में शुक्रवार शाम को कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक शुरू हुई। उम्मीद की जा रही है कि सभी विधायक एक प्रस्ताव पारित कर विधायक दल का नेता चुनने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष को अधिकृत कर सकते हैं। विधायक दल का नेता अगला मुख्यमंत्री होगा। मुख्यमंत्री पद के दावेदारों के शक्ति प्रदर्शन के बीच शिमला में कांग्रेस कार्यालय में बैठक शुरू हुई। पार्टी की प्रदेश इकाई की प्रमुख प्रतिभा सिंह, निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री और चुनाव अभियान समिति के प्रमुख सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने समर्थकों के साथ पार्टी कार्यालय पहुंचे, जिन्होंने उनके पक्ष में नारे लगाए।
ना विधानसभा चुनाव लड़ा, ना ही विधायक
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के विजयी होने के साथ ही पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे बतायी जा रही हैं। पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू और मौजूदा विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री भी इस दौड़ में शामिल बताये जा रहे हैं। कांग्रेस के लिए एक ऐसे नेता का मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में चुनाव करना चुनौतीपूर्ण है, जो पार्टी को आगे ले जाते हुए उसे एकजुट रख सके। लेकिन गौर करने वाली बात ये भी है कि प्रतिभा सिंह ने ना विधानसभा चुनाव लड़ा और ना ही वह विधायक हैं, लेकिन फिर भी उन्हें सीएम रेस में आगे बताया जा रहा है।
प्रतिभा की दावेदारी के ये हैं अहम फैक्टर
इसका सबसे बड़ा कारण ये भी है कि प्रतिभा ने राज्य भर में पार्टी के लिए व्यापक चुनाव प्रचार किया। वह फिलहाल मंडी से सांसद हैं। वह निवर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिले मंडी से लोकसभा उपचुनाव जीती थीं। प्रतिभा सिंह के साथ पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की विरासत भी है, जिन्होंने चार दशक से अधिक समय तक प्रदेश में कांग्रेस की कमान संभाली थी। पार्टी सूत्रों ने दावा किया कि प्रतिभा सिंह को ज्यादातर विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जो वीरभद्र सिंह के प्रति निष्ठावान रहे हैं। वीरभद्र सिंह लंबे समय तक इस पहाड़ी राज्य में कांग्रेस के निर्विवाद नेता रहे थे। प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य भी शिमला ग्रामीण से विधायक निर्वाचित हुए हैं और वह भी मुख्यमंत्री पद के लिए आशावान हैं। हालांकि, कई लोग उन्हें इस शीर्ष पद के लिए बहुत कम उम्र का मानते हैं।
इस केस में सुखविंदर सुक्खू बन सकते हैं सीएम
हालांकि कुछ सूत्र ये भी कह रहे हैं कि निर्वाचित विधायकों में से ही मुख्यमंत्री चुना जाएगा। कांग्रेस सुखविंदर सिंह सुक्खू को, विधायक मुकेश अग्निहोत्री और राजेंद्र राणा के साथ हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे मान रही है। पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे व विधायक विक्रमादित्य सिंह को कैबिनेट में एक महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो देने पर विचार कर रही है।
भूपेश बघेल और राजीव शुक्ला बनाए गए पर्यवेक्षक
कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश की 68 सदस्यीय विधानसभा में 40 सीट पर जीत दर्ज की है। विधानसभा चुनाव के लिए 12 नवंबर को मतदान हुआ था और गुरुवार को परिणाम घोषित हुए। कांग्रेस के दो पर्यवेक्षक- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और हिमाचल प्रदेश के एआईसीसी प्रभारी राजीव शुक्ला बैठक में शामिल हुए।