Himachal Election 2022: 32 साल से कांग्रेस-बीजेपी में कभी खुशी कभी गम, सूबे के सियासी महाभारत के चक्रव्यूह का केंद्र है यह सीट, समझिए कैसे?
Himachal Election 2022: सबसे महत्वपूर्ण तथ्य- पिछले 32 साल से जनता हर पांच साल में सत्ताधारी दल को बदल देती है. लेकिन महत्वपूर्ण बात यह कि जनता बीजेपी और कांग्रेस को ही हर पांच साल बाद अभी तक मौका देती आयी है.
Himachal Election 2022: इस वक्त हिमाचल की जनता सूबे में चल रहे सियासी महाभारत की साक्षी बनने जा रही है. दलों में आरोप प्रत्यारोप की तलवारें खिचीं हुई हैं. लोकतंत्र की सबसे ताकतवर ईकाई माने जाने वाली 'जनता' भी इस पूरे राजनीतिक द्वंद पर गहरी नजर बनाए हुए है, लेकिन इस बार जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा, कौन बाजी मारेगा, यह तो 8 दिसंबर के गर्भ में छिपा हुआ है.
दलों के प्रति जनता का रूख समझिए
1. सबसे महत्वपूर्ण तथ्य- पिछले 32 साल से जनता हर पांच साल में सत्ताधारी दल को बदल देती है. लेकिन महत्वपूर्ण बात यह कि जनता बीजेपी और कांग्रेस को ही हर पांच साल बाद अभी तक मौका देती आयी है.
2. 1990 में शांता कुमार ने बीजेपी हिमाचल में बीजेपी को सत्ता के शिखर तक पहुंचाया. गौर करने वाली बात यह है कि शांता कुमार सूबे में 1977 से 1980 तक जनता पार्टी की तरफ से सीएम थे.
3. हिमाचल पूर्ण राज्य बनने के बाद सबसे अधिक पांच बार वीरभद्र सिंह सूबे के सीएम बने.
4. राज्य में दो बार राष्ट्रपति शासन लगा. पहली बार 1977 तथा दूसरी बार 1992 में शांता कुमार के नेतृत्व में चल रही सरकार को बर्खास्त कर दिया गया था. और फिर राष्ट्रपति शासन लगा.
एक बेहद महत्वपूर्ण सीट का तथ्यों की जुबानी कहानी
हिमाचल के 68 विधानसभा क्षेत्र में जुब्बल-कोटखाई विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र शिमला जिले में है. सभी राजनीतिक दल इस सीट को जीतने के लिए हर पैंतरा अपनाते हैं, यह सीट इतनी महत्वपूर्ण क्यों है? हिमाचल में किसी सीएम की सीट से ज्यादा वीआईपी यह सीट क्यों है? वजह साफ है. 1951 से लेकर 2017 तक के चुनावी इतिहास में सिर्फ 1990 का चुनाव हटा दें तो इस सीट से जो पार्टी चुनाव जीतती है उसी दल की सूबे में सरकार बन जाती है. अर्थात यह सीट सत्ताधारी है. 1990 में यहां से ठाकुर रामलाल विधायक जनता पार्टी के टिकट से बने लेकिन सूबे के मुखिया शांता कुमार बीजेपी के नेतृत्व में सरकार बनाए.
इस बार के चुनाव में नया क्या है?
1. वोटर लिस्ट में नामांकन तक यानी 25 अक्टूबर तक अपना नाम जुड़वा सकते हैं.
2. इस बार 80 साल से ज्यादा उम्र वाले बुजुर्गों और कोरोना पीड़ित घर से वोटिंग कर सकते है, ऐसी सुविधा रहेगी.
हिमाचल कैसे बना यह समझिए
1. आजादी के बाद करीब 30 पहाड़ी रियासतों को एकजुट करके 15 अप्रैल 1948 को हिमाचल प्रदेश बनाया गया.
2. 1 नवंबर 1966 को पंजाब बनने के बाद कुछ अन्य सम्बंधित क्षेत्रों को हिमाचल में मिला लिया गया.
3. 25 जनवरी 1971 को हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त हो गया.
4. हिमाचल राज्य उत्तर में जम्मू-कश्मीर से, दक्षिण-पश्चिम में पंजाब से, दक्षिण में हरियाणा से, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखंड से और पूर्व में तिब्बत की सीमाओं से घिरा है.
2017 में क्या नतीजे थे?
कुल 68 सीट में बीजेपी ने 44 और कांग्रेस 21 सीटें जीतीं. अन्य को सिर्फ तीन सीट हासिल हुई.
जाते-जाते आगामी विधानसभा चुनाव का शेड्यूल पढ़ लीजिए
- नोटिफिकेश-17 अक्टूबर
- नामांकन- 25 अक्टूबर
- नामांकन की स्क्रूटनी-27 अक्टूबर
- नामांकन वापसी- 29 अक्टूबर
- मतदान- 12 नवंबर
- मतगणना-8 दिसंबर