Guwahati News: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व शरमा ने शुक्रवार को कहा कि गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गए त्यागपत्र में कई ऐसी समानताएं हैं, जो उनके द्वारा 2015 में कांग्रेस छोड़ने के समय लिखे गए त्यागपत्र में भी थीं। शरमा ने एक कार्यक्रम के इतर आरोप लगाया कि कांग्रेस में समस्या यह है कि हर कोई जानता है कि राहुल गांधी ‘‘अपरिपक्व, सनकी और मनमौजी’’ हैं लेकिन उनकी मां अब भी उन्हें आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं। मुख्यमंत्री शरमा ने दावा किया, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष (सोनिया गांधी) पार्टी की सुध नहीं ले रही हैं। वह असल में पिछले कई वर्षों में अपने बेटे को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं लेकिन यह एक व्यर्थ प्रयास है उनका उद्देश्य पूरा नहीं होगा।’’
एक के बाद एक वफादार नेता पार्टी छोड़कर जा रहे
मुख्यमंत्री शरमा ने कहा कि पार्टी के लिए वफादार रहे नेता एक के बाद एक पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। शरमा ने कहा, ‘‘ मैंने 2015 में लिखा था कि ऐसा समय आएगा, जब कांग्रेस में गांधी परिवार ही रह जाएगा और बाकी सब पार्टी छोड़ जाएंगे। यही हो रहा है।’’ गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया तथा नेतृत्व पर आंतरिक चुनाव के नाम पर पार्टी के साथ बड़े पैमाने पर ‘धोखा’ करने का आरोप लगाया।
राहुल भाजपा के लिए ‘वरदान’ हैं
शरमा ने कहा, ‘‘मेरे द्वारा 2015 में लिखे गए पत्र में कई ऐसी समानताएं है जो आजाद साहब के त्यागपत्र में भी हैं। जो मुद्दे वहां (कांग्रेस) तब थे, वही अब भी हैं और बरकरार भी रहेंगे और ऐसे हालात बन जाएंगे कि गांधी परिवार ही कांग्रेस पार्टी में रह जाएगा।’’ कांग्रेस नेता राहुल गांधी का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री शरमा ने तंज किया कि वह भाजपा के लिए ‘‘वरदान’’ हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ जब दोनों दलों के नेताओं की तुलना की जाती है तो भाजपा, कांग्रेस से आगे नजर आती है जो हमारे पक्ष में है।’’
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