अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो रहा है। 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके अलावा देशभर की कई बड़ी हस्तियां और साधु-संत इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अयोध्या पहुंचेंगे। इस बीच कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व यानि मल्लिकार्जुन खरगे और सोनिया गांधी ने राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को ठुकरा दिया है। ऐसे में अब कांग्रेस के ही नेता शीर्ष नेतृत्व के फैसले पर सवाल खड़े करने लगे हैं। मंगलवार को गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सीनियर नेता अर्जुन मोढवाडिया ने कहा था कि पार्टी को ऐसे राजनीतिक निर्णय लेने से दूर रहना चाहिए था।
राममंदिर के निमंत्रण को ठुकराने पर कांग्रेस में बवाल
इसके बाद अब गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष अंबरीश डेर ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के फैसले पर सवाल खड़ा कर दिया है। उन्होंने राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा उत्सव पर ना जाने के निर्णय की निंदा की है। उन्होंने इस बाबत सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, 'मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम हमारे आराध्य देव हैं। इसलिए यह स्वाभाविक है कि भारत भर में अनगिनत लोगों की आस्था इस नवनिर्मित मंदिर से वर्षों से जुड़ी हुई है। राष्ट्रीय कांग्रेस के कुछ लोगों को उस खास तरह के बयान से दूरी बनाए रखनी चाहिए और जनभावना का दिल से सम्मान करना चाहिए।'
शीर्ष नेतृत्व की कांग्रेस नेताओं ने की निंदा
उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के बयान मेरे जैसे गुजरात कांग्रेस के कई कार्यक्रर्ताओं के लिए निराशाजनक है। जय सियाराम। बता दें कि इससे पूर्व अर्जुन मोढवाडिया ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर लिखा, भगवान श्रीराम आराध्य देव हैं। यह देशवासियों की आस्था और विस्वास का विषय है। कांग्रेस के इस तरह के राजनीतिक निर्णय लेने से दूर रहना चाहिए था। बता दें कि राष्ट्रीय कांग्रेस की तरफ से एक बयान जारी किया गया था, जिसमें कांग्रेस पार्टी ने कहा, 'बीजेपी और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजना बना दिया है। एक अर्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ के लिए किया जा रहा है।'
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