मणिपुर मामले पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार इस मामले पर लोकसभा में चर्चा करने को तैयार है लेकिन विपक्ष इसके प्रति गंभीर नहीं है। 4 मई को हुई घटना को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए। पीएम मोदी ने भी कहा है कि जिस प्रकार की घटना हुई है, उससे पूरा देश शर्मसार हुआ है। इस मामले में उन्होंने कठोर कार्रवाई करने को भी कहा है। लेकिन इस चर्चा के प्रति विपक्ष गंभीर नहीं है।
संसद में बहस के लिए केंद्र सरकार तैयार
राजनाथ सिंह ने कहा कि मैंने सर्वदलीय बैठक में यह कहा था और मैं इसे संसद में दोहराता हूं कि मणिपुर पर हम सदन में चर्चा चाहते हैं। लेकिन कुछ राजनीतिक दल हैं जो अनावश्यक रूप से यहां ऐसी स्थिति पैदा करने में लगे हुए हैं ताकि मणिपुर पर चर्चा ही न हो सके। मैं स्पष्ट रूप से आरोप लगा रहा हूं कि विपक्ष मणिपुर के मामले को लेकर उतनी गंभीर नहीं है जितना उन्हें होना चाहिए था। बता दें कि मणिपुर मामले ने तब और जोर पकड़ लिया जब एक वीडियो वायरल हो गया।
मणिपुर पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार
4 मई को मणिपुर के एक गांव में भीड़ द्वारा दो महिलाओं को नंगा करके घुमाया गया था। साथ ही उनके साथ मारपीट भी की गई थी। इस घटना के वीडियो के वायरल होने के बाद मणिपुर मामले ने तूल पकड़ लिया है। अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर पुलिस ने गुरुवार को वीडियो में दिख रहे चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने कहा कि अज्ञात हथियारबंद बदमाशों के खिलाफ थौबल जिले के नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
मल्लिकार्जुन खरगे ने कही ये बात
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस मुद्दे पर मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिपुर की स्थिति पर संसद में विस्तृत बयान देना चाहिए। खरगे ने कहा कि पीएम मोदी इस मामले पर नाराज होते तो कांग्रेस शासित राज्यों के साथ झूठी समानता बनाने के बजाय मणिपुर के मुख्यमंत्री को बर्खास्त कर सकते थे।
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