श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को आशंका जताई कि अनुच्छेद-370 को हटाए जाने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले कश्मीर में बड़े नेताओं को नजरबंद किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार को इसके लिए सिर्फ ‘बहाना’ चाहिए और उनके पास यह मौजूद भी है। अब्दुल्ला ने कहा कि वह केवल उम्मीद और प्रार्थना कर सकते हैं कि फैसला जम्मू-कश्मीर के लोगों के हित में हो। कुलगाम जिले में जब सोमवार को आने वाले फैसले से पहले अब्दुल्ला से उनकी राय के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा,‘उन्हें हमें नजरबंद करने के लिए बहाना चाहिए और उनके पास बहाना है।’
‘मैं केवल आशा कर सकता हूं कि निर्णय हमारे पक्ष में हो’
उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘हमें नहीं पता कि फैसला क्या होगा और यही स्थिति उनकी भी है। अगर वे जानते हैं, तो इसकी जांच होनी चाहिए। कौन अधिकार से कह सकता है कि क्या होगा? मेरे पास ऐसी कोई मशीनरी या तरीका नहीं है कि आज जान सकूं कि उन 5 माननीय जजों के दिल में क्या है या उन्होंने अपने फैसले में क्या लिखा है। मैं केवल आशा और प्रार्थना कर सकता हूं कि निर्णय हमारे पक्ष में हो, लेकिन, न तो मैं यह दावा कर सकता हूं कि सफलता हमारी होगी, न ही कोई और दावा कर सकता है। हम फैसले का इंतजार कर रहे हैं, इसे आने दीजिए, उसके बाद हम बात करेंगे।’
महुआ मोइत्रा के निष्कासन पर भी बोले उमर अब्दुल्ला
तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने के सवाल पर अब्दुल्ला ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा,‘निष्कासन के बाद मोइत्रा ने जब मीडिया से बात की, तब फारूक अब्दुल्ला मौजूद थे। हमारा पूरा समर्थन और सहानुभूति उनके साथ है। हमें खेद है कि संसद में उन्हें अपनी बात रखने की इजाजत नहीं दी गई। यह साबित करता है कि जिसकी लाठी उसकी भैंस।’ उमर अब्दुल्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को याद रखना चाहिए कि वह हमेशा सत्ता में नहीं रहेगी। उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्य से जिन हथकंडों का वह आज इस्तेमाल कर रही है, उन्हीं का इस्तेमाल भविष्य में खुद उनके खिलाफ हो सकता है।’
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