नई दिल्ली: कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 2023-24 के लिए सभी अनिवार्य खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी कि MSP में वृद्धि के फैसले को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी ने दावा किया कि मौजूदा सरकार MSP को लेकर एलान तो कर देती है, लेकिन उस पर किसानों से खरीद नहीं करती। कांग्रेस ने यह आरोप लगाया कि इस सरकार का DNA ही किसान विरोधी है। पार्टी ने कहा कि मोदी सरकार के 9 साल, देश के 62 करोड़ किसानों के लिए अभिशाप बन गये हैं।
‘देश के 62 करोड़ किसानों के लिए अभिशाप बन गये’
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया, ‘मोदी सरकार ने देश के किसानों से 2 वादे किये थे, MSP को ‘लागत+50 प्रतिशत मुनाफा’ पर निर्धारित करना, 2022 तक देश के किसानों की आय दोगुनी करना, दोनों वादे सरासर झूठे निकले! खरीफ फसल पर MSP बढ़ाने का ढोंग रचने वाली प्रचार लोभी मोदी सरकार, MSP पर फसल खरीदती ही नहीं है। खेती के बजट में कटौती हुई! किसान सम्मान निधि में से 2 करोड़ किसानों का नाम हटाया! एक लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना कोष की घोषणा कर के उसमें 3 सालों में केवल 12,000 रुपये करोड़ ही दिए। मोदी सरकार के 9 साल, देश के 62 करोड़ किसानों के लिए अभिशाप बन गये हैं।’
‘न लागत+50 प्रतिशत मुनाफा, न MSP पर खरीद’ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार में किसानों को ‘जुमले’ और लाठी के सिवाय कुछ नहीं मिला। उन्होंने ट्वीट किया, ‘न लागत+50 प्रतिशत मुनाफा, न MSP पर खरीद, न दोगुनी आय। बीजेपी सरकार के 9 सालों में किसानों को चुनाव में जुमले, पीठ पर लाठी और पेट पर लात के सिवाय क्या मिला?’ बता दें कि केंद्र सरकार ने 2023-24 के लिए सभी अनिवार्य खरीफ फसलों की MSP में वृद्धि की थी जिसमें धान का MSP 143 रुपये बढ़ाकर 2,183 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया। खरीफ फसलों के लिए MSP को कुल मिलाकर 128 रुपये से 805 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ाया गया है।
‘केंद्र सरकार का DNA ही किसान विरोधी है’ कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘मोदी मंत्र है कि MSP घोषित करो लेकिन MSP दो मत। साल 2022-23 में फसल उपज और फसल खरीद के तथ्य इस बात को उजागर करते हैं कि किसान को MSP नहीं मिलेगा। मोदी जी, जब MSP देनी ही नहीं तो कागज पर घोषित करके वाहवाही क्यों लूटना? धान की फसल को छोड़कर मोदी सरकार ने किसी अन्य फसल की खरीद MSP पर की ही नहीं। अगर किसान की फसल का MSP सिर्फ कागजों में घोषित होना है, तो MSP का मतलब ही क्या रह जाता है?’ उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि मोदी सरकार का DNA ही किसान विरोधी है।
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