जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दुनियभर के तमाम बड़े नेता भारत की राजधानी नई दिल्ली पहुंच चुके हैं। पीएम ने शिखर वार्ता के लिए प्रगति मैदान पर बनाए गए अद्भुत भारत मंडपम में सभी नेताओं का स्वागत किया। पीएम ने जिस वक्त सभी नेताओं से हाथ मिलाकर उनका स्वागत किया तब उनके बैकग्राउंड में प्रसिद्ध कोणार्क का चक्र दिखाई दे रहा था। आइए जानते हैं क्या है इस चक्र का महत्व
13वीं सदी में निर्माण
पीएम मोदी ने भारत मंडपम में स्वागत वाली जगह पर कोणार्क का चक्र लगवाया। इस चक्र का निर्माण 13वीं शताब्दी में राजा नरसिम्हादेव-प्रथम के शासनकाल में किया गया था। इसका निर्माण ओडिशा के सूर्य मंदिर कराया गया था। इस चक्र को भारत की एक बड़ी सांस्कृतिक धरोहर माना जाता है।
क्या है महत्व?
भारत मंडपम में लगा कोणार्क चक्र भारत के प्राचीन ज्ञान, उन्नत सभ्यता और वास्तुशिल्प की उत्कृष्टता का प्रतीक है। कोणार्क चक्र की घूमती गति समय, कालचक्र के साथ-साथ प्रगति और निरंतर परिवर्तन का प्रतीक है। ये चक्र लोकतंत्र के पहिये के एक शक्तिशाली प्रतीक के रूप में कार्य करता है जो लोकतांत्रिक आदर्शों के लचीलेपन और समाज में प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
बाइडेन ने जाना महत्व
शनिवार को पीएम मोदी ने भारत मंडपम में दुनियाभर से आए नेताओं का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दौरान जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन आयोजन स्थल पर पहुंचे तो पीएम मोदी ने उन्हें भी कोणार्क चक्र का महत्व बताया। बाइडेन भी ध्यान से पीएम मोदी की बात सुनते नजर आए।
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