नई दिल्ली: जी23 समूह कहे जाने वाले कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं ने हाल ही में हुए पांच राज्यों के चुनावों में पार्टी की अपमानजनक हार के बाद अपनी रणनीति तैयार करने के लिए गुलाम नबी आजाद के दिल्ली स्थित आवास पर बैठक की। जी23 असंतुष्टों के अलावा, कुछ और नेता बैठक में शामिल हुए, जिसमें मणिशंकर अय्यर, पटियाला के सांसद और पंजाब के पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह की पत्नी प्रणीत कौर, पूर्व राज्यसभा सदस्य पी.जे. कुरियन भी गुलाम नबी आजाद के आवास पर चल रही बैठक में शामिल हुए।
कांग्रेस के G-23 नेताओं की बैठक में हुई चर्चा के दौरान सभी ने एक सुर में हर स्तर पर सामूहिक नेतृत्व और सामूहिक फैसले लेने के मॉडल को अपनाने पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि सुधार की बात करते रहेंगे और पार्टी से निकाले जाने तक कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे।
बैठक के बाद इन नेताओं ने कहा, ‘‘हम कांग्रेस पार्टी के सदस्यों ने विधानसभा चुनाव के नतीजों और पार्टी से नेताओं के निकलने को लेकर विचार विमर्श किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि कांग्रेस के लिए आगे बढ़ने का यही तरीका है कि सामूहिक और समावेशी नेतृत्व की व्यवस्था अपनाई जाए और हर स्तर पर निर्णय हो।’’ उनका यह भी कहना है, ‘‘भाजपा का विरोध करने के लिए जरूरी है कि कांग्रेस पार्टी को मजबूत किया जाए। हम मांग करते हैं कि कांग्रेस समान विचारधारा वाली सभी ताकतों के साथ संवाद की शुरुआत करे ताकि 2024 के लिए विश्वसनीय विकल्प पेश करने के लिए एक मंच बन सके।’’
पंजाब की पूर्व सीएम राजिंदर कौर भट्टल, राज बब्बर और कुलदीप शर्मा भी बैठक में पहुंचे। बैठक में शंकर सिंह वाघेला और संदीप दीक्षित भी शामिल हुए। वाघेला पहले कांग्रेस में रहे हैं, लेकिन उनकी मौजूदा स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है।
बता दें कि सीडब्ल्यूसी द्वारा सोनिया गांधी के नेतृत्व का समर्थन किए जाने के बाद आगे की रणनीति तैयार करने के लिए बैठक की गई। यह समूह पहले ही कांग्रेस पार्टी के भीतर समान विचारधारा वाले नेताओं तक अपनी पहुंच बना चुका है।
(इनपुट- एजेंसी)
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