Mehbooba Mufti News: पिछले 17 सालों से जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के गुपकार हाई सिक्यॉरिटी जोन में रह रहीं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) को अपना सरकारी आवास खाली करने का नोटिस मिला है। यह सरकारी निवास 2005 में महबूबा के पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद को मिला था। जम्मू कश्मीर एस्टेट डिपार्टमेंट की तरफ से PDP अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को एक नोटिस (Mehbooba Mufti Notice) दिया गया है जिसमें उनसे गुपकार में स्थित सरकारी निवास खाली करने को कहा गया है।
पहले भी मिल चुका है ऐसा नोटिस
महबूबा मुफ्ती को यह आवास खाली करने का नोटिस पहले भी मिल चुका है। बीते 2 सालो के भीतर उन्हें एस्टेट डिपार्टमेंट की तरफ से यह दूसरा नोटिस मिला है। इस से पहले वर्ष 2021 में महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला और गुलाम नबी आजाद को सरकारी निवास खाली करने का नोटिस दिया गया था। हालांकि तब सुरक्षा कारणों के चलते महबूबा मुफ्ती को राहत मिल गई थी लेकिन उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर और गुलाम नबी आजाद ने जम्मू में अपने सरकारी आवास को खाली कर दिया था।
महबूबा को इस बार नहीं मिलेगी छूट
बताया जा रहा है कि इस बार नोटिस मिलने के बाद महबूबा को राहत मिलने की उम्मीद बहुत कम है। ऐसे में महबूबा मुफ्ती को हर हाल में गुपकार के इस सरकारी घर को खाली करना ही होगा। नोटिस के मुताबिक, महबूबा को दूसरी जगह सरकारी घर देने की बात भी कही गई है लेकिन इस पर उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। ऐसे में यह तय नहीं है कि महबूबा आगे भी सरकारी घर में ही रहेंगी या फिर श्रीनगर के अपने नौगाम रेजिडेंस में शिफ्ट करेंगी।
‘महबूबा को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला’
इंडिया टीवी से बात करते हुए PDP के प्रवक्ता रउफ भट ने कहा कि इस तरह के फैसले जानबूझ कर लिए जाते हैं, लेकिन इन चीजों से हमें कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। उन्होंने कहा, ‘NIA और ED आने से भी महबूबा को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। वह हमेशा लोगों के हित में बात करती हैं। बीजेपी की बात करने वाले को नेशनलिस्ट और लोगों की बात करने वाले को ऐंटिनेशनल कहा जाता है। हम इन चीज़ो से डरने वाले नहीं है। नोटिस पर सलाह मशविरा होगा और जो भी फैसला होगा आपको पता चल जाएगा।’
17 सालों से इस घर में रह रही हैं महबूबा
महबूबा गुपकार के जिस आवास में पिछले 17 सालों से रह रही हैं, वह 1989 तक एक सरकारी गेस्ट हाउस था। इसे तब फेयरव्यू गेस्ट हाउस के नाम से जाना जाता था। 1990 में सीमा सुरक्षा बलों ने इसे अपने कब्जे में ले लिया और इसका नाम पापा-2 रखा। 1996 में राज्य के तत्कालीन मुख्य सचिव अशोक जेटली यहां रहने आ गए। 2003 में इसे पुनर्निर्मित किया गया और PDP के वरिष्ठ नेता और तत्कालीन वित्त मंत्री मुजफ्फर हुसैन बेग यहां रहने लगे। 2005 में सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद यहां रहने आए।
कानून की वजह से बंगला खोएंगी महबूबा
दरअसल, भारत सरकार द्वारा 2020 में राज्य के एक कानून में संशोधन के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अब सरकारी आवास के हकदार नहीं हैं। इसी कानून के तहत जम्मू कश्मीर के 2 पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और गुलाम नबी आजाद ने सरकारी घर खाली किए थे। अब इसी कानून के तहत महबूबा मुफ्ती को भी अपना घर खाली करना पड़ेगा।
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