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Hindi News भारत राजनीति “पहले चर्चा की मांग, फिर हंगामा... यह विपक्ष का दिखावा": वित्त मंत्री सीतारमण

“पहले चर्चा की मांग, फिर हंगामा... यह विपक्ष का दिखावा": वित्त मंत्री सीतारमण

राज्यसभा के 12 सदस्यों के निलंबन वापस लिए जाने की मांग को लेकर हंगामा कर रहे विपक्षी दलों को सीतारमण ने घेरा। वित्त मंत्री ने कहा कि पहले चर्चा की मांग करते हैं फिर हंगामा...।

<p>राज्यसभा में...- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO राज्यसभा में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

Highlights

  • राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे पर बोलीं सीतारमण, क्या यह लोकतंत्र और सदन की भावना नहीं है ?
  • पहले चर्चा की मांग, फिर हंगामा... यह विपक्ष का दिखावा- सीतारमण
  • वित्तमंत्री बोलीं, हम चर्चा को तैयार, भाग नहीं रहे हैं

नयी दिल्ली: राज्यसभा में विपक्षी दलों द्वारा चर्चा के दौरान हंगामा किए जाने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निशाना साधा है। सोमवार को सीतारमण ने राज्यसभा में कहा कि विपक्षी सदस्य पहले चर्चा की मांग करते हैं फिर सरकार के तैयार होने के बावजूद चर्चा नहीं करते और फिर सरकार पर ही चर्चा से भागने का आरोप लगाते हैं। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों को घेरते हुए सीतारमण ने कहा ‘‘पहले चर्चा की मांग, फिर हंगामा...। यह विपक्ष का दिखावा है।’’

गौरतलब है कि ये बयान वित्त मंत्री सीतारमण ने राज्यसभा में उस वक्त कही जब ‘‘पेट्रोलियम उत्पादों सहित आवश्यक वस्तुओं के दाम में वृद्धि की वजह से देश में उत्पन्न हालात’’ पर होने वाली चर्चा विपक्षी दलों के हंगामे की वजह से शुरू नहीं हो पाई।

दरअसल, विपक्षी सदस्य पिछले दिनों निलंबित किए गए 12 सदस्यों का निलंबन वापस लिए जाने की मांग को लेकर हंगामा कर रहे थे। इस दौरान राज्यसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा ‘‘यह विषय उन्होंने (विपक्ष ने) तय किया था। विपक्ष इस पर चर्चा करना चाहता था और हम चर्चा के लिए तैयार हैं। वे लोकतंत्र की बात करते हैं और हम उनके विषय पर चर्चा के लिए तैयार हैं। क्या यह लोकतंत्र और सदन की भावना नहीं है ?’’

वित्तमंत्री सीतारमण ने आगे कहा, ‘‘हम चर्चा से भाग नहीं रहे हैं। विषय तय करने के बावजूद विपक्ष चर्चा नहीं कर रहे हैं और फिर हम पर आरोप लगाया जाता है कि सरकार चर्चा से भाग रही है। हम चर्चा चाहते हैं, महंगाई पर चर्चा चाहते हैं। लेकिन आप देख रहे हैं। पहले चर्चा की मांग, फिर हंगामा।“

दरअसल, संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन राज्यसभा के 12 सदस्य को सभापति नायडू ने पूरे सत्र से निलंबित कर दिया था। इनमें कांग्रेस के 6, शिवसेना और टीएमसी के 2-2 जबकि सीपीएम और सीपीआई के 1-1 सांसद शामिल हैं। विपक्षी दल लगातार निलंबन वापस लेने की मांग कर रहे हैं जबकि उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति नायडू ने दो टूक में कहा है कि निलंबित सदस्यों का निलंबन वापस नहीं होगा।

 

 

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