नई दिल्ली: कश्मीर फाइल्स में सुनाई दे रही कश्मीरी पंडितों की चीखें अब उन हुक्मरानों को परेशान करने लगी है जिन्होंने कश्मीरी पंडितों को उजाड़ कर अपनी सियासत चमकाई और कश्मीर पर राज किया। अब तक नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक़ अब्दुल्ला और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती खामोश थे लेकिन आज महबूबा तो खुलकर बोलीं और फारूक़ अब्दुल्ला जांच की बात कहकर नजरें चुराते नजर आए। फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ''मुझे लगता है कि उनको एक कमीशन का गठन करना चाहिए जो बताएगा उन्हें (बीजेपी को) कि कौन जिम्मेदार था?''
महबूबा मुफ्ती ने आज बहुत इमोशनल अंदाज में कहा कि कश्मीर में हिन्दुओं की हत्या हुई, सिखों का कत्लेआम हुआ और मुसलमान भी मारे गए। कश्मीरी पंडितों को घरबार छोड़ना पड़ा लेकिन पलायन तो मुसलमानों को भी करना पड़ा। वहीं, फारूक़ अब्दुल्ला कह रहे हैं, ''जानबूझकर बवाल पैदा किया जा रहा है। अगर कश्मीरी पंडितों पर हुए जुल्म का सच जानना है, कश्मीरी पंडितों का असली गुनहगार कौन है ये जानना है तो इन्क्वायरी कमीशन बना दिया जाए, दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा।''
महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर में हुए तमाम नरसंहारों की याद दिलाई और धीरे से ये कह दिया कश्मीर में जुल्म सिर्फ कश्मीरी पंडितों पर नहीं हुए, मौत तो मुससमानों की भी हुई फिर अकेले कश्मीरी पंडितों की बात क्यों। महबूबा ने कहा कि एक फिल्म बनाने से कश्मीर की हकीकत नहीं बदलेगी। कश्मीर में जो कुछ हुआ उसकी हकीकत हर कश्मीरी जानता है। महबूबा मुफ्ती ने कहा, ''मैंने अपनी आंखों से हिंसा देखी है ये लोग हमें बताते हैं कश्मीर में हिंसा हमने झेली है। हमने बहुत बुरा वक्त देखा है। हम चाहते हैं खून खराबा बंद हो। हम चैन से रहें, आराम से रहें बीजेपी वाले ये नहीं चाहते। इस मुल्क को बचाओ।''
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