नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में फूट पड़े तीन महीने से ज्यादा हो चुके हैं। पार्टी पर अजित और शरद पवार दोनों गुट दावा कर रहे हैं। दोनों ही खुद को असली एनसीपी बता रहे हैं। वहीं इसे लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग में मामला विचाराधीन है। अब इसी को लेकर चुनाव आयोग आज पहली सुनवाई करेगा। इसके साथ ही आयोग ने दोनों पक्षों को कहा है कि उन्होंने जो दस्तावेज आयोग को सौंपे हैं, वह एक-दूसरे के साथ साझा करें।
बता दें कि जुलाई की शुरुआत में शरद पवार के भतीजे ने बगावत करते हुए राज्य की शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। इस दौरान सरकार में उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। इसके अलावा उनके साथ आये अन्य सात लोगों को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। हालांकि इसके बाद कई बार खबरे आ चुकी हैं कि अजित पवार किसी विषय को लेकर नाराज चल रहे हैं और वह पाला बदल सकते हैं। लेकिन हर बार यह खबरें केवल अफवाह बनकर हवा में उड़ जाती हैं।
नाराज बताए जा रहे हैं अजित पवार
इस समय भी यही कहा जा रहा है कि अजित पवार नाराज चल रहे हैं। वह कैबिनेट बैठक से दूरी बना रहे हैं। बीते दिनों जब जालना में मराठा आरक्षण की मांग कर रहे मनोज जरांगे पाटिल से मिलने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गए तो वहां अजित पवार साथ नहीं गए। फिर जब अमित शाह गणपति दर्शन के लिए मुंबई आए, उस वक्त भी अजित, अमित शाह से मिलने नहीं पहुंचे। वहीं, जेपी नड्डा मुंबई आए तब भी अजित पवार पूर्व निर्धारित कार्यक्रमो में व्यस्त रहे।
शिंदे और फडणवीस के साथ दिल्ली भी नहीं गए थे अजित
वहीं इसके अलावा जब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस दिल्ली पहुंचे, लेकिन अजित पवार साथ नहीं आए। इसका कारण बताया गया उनकी तबियत ठीक नहीं है। ख़ुद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि अजित पवार की तबियत ठीक नहीं इसीलिए वे मंत्री मंडल की बैठक में नहीं आए उनकी गैर मौजूदगी का कोई और मतलब निकलने की जरूरत नहीं है। अजित पवार ने हाल ही में बारामती दौरे पर कहा था कि आज उनके पास वित्त मंत्री पद है, वे सरकार में हैं कल होंगे या नहीं पता, कल किसी ने नहीं देखा है।
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