मध्यप्रदेश में लंबी चली जद्दोजहद के बाद पंचायत चुनाव निरस्त कर दिए गए हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने 4 दिसंबर 2021 को घोषित किया कि पंचायत चुनाव कार्यक्रम मंगलवार शाम निरस्त कर दिया गया है। इससे पहले मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग में बैठक हुई थी। बैठक में राज्य चुनाव आयोग ने अध्यादेश को वापस लिए जाने को लेकर विधि विशेषज्ञों के साथ बैठक की थी। जिसके बाद देर शाम चुनाव आयोग ने चुनाव निरस्त कर दिया है।
इससे पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विधानसभा में संकल्प पारित करवा चुके थे कि बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव नहीं हों। वहीं, रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट की विशेष बैठक बुलाई थी और अपने ही अध्यादेश को कैबिनेट की मंजूरी के बाद वापस ले लिया था और राज्यपाल के पास इसे भेज दिया गया था।
सोमवार को राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह अध्यादेश निरस्त हो गया। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव निरस्त करने का फैसला लेना पड़ा। चुनाव आयोग सरकार के जिस अध्यादेश के तहत मध्यपदेश में पंचायत चुनाव करवा रहा था। उसी अध्यादेश को शिवराज सिंह चौहान सरकार ने कैबिनेट की बैठक के बाद वापस ले लिया था। राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव बीएस जामोद ने बताया जिन प्रत्याशियों ने नामांकन के साथ जमानत राशि जमा की है उसे वापस किया जाएगा।
इससे पहले, देश में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देख शिवराज सरकार ने आगामी चुनाव को रद्द करने का फैसला किया था। शिवराज कैबिनेट में चुनाव रोके जाने पर सहमति बन गई थी। कैबिनेट बैठक में पंचायत मंत्री महेश सिंह सिसोदिया ने पंचायत चुनाव कराए जाने का अध्यादेश वापस लेने का प्रस्ताव पेश किया था। इस पर कैबिनेट ने मंजूरी दे दी थी। कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब राज्यपाल को भेजे गए अध्यादेश को सरकार वापस लेगी।
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