'पहले नौकरी के बदले जमीन हड़प ली जाती थी', पीएम मोदी ने बिना नाम लिए लालू पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोजगार मेले में नव-नियुक्त कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र बांटने के बाद अपने संबोधन में परिवारवादी पार्टियों पर जमकर हमला बोला।
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोजगार मेले के तहत 70,126 नव-नियुक्त कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र बांटा। इस अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए उन्होंने परिवारवादी पार्टियों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि परिवारवादी पार्टियों ने भाई भतीजावाद-बढ़ाया और आम लोगों से अवसर को छीन लिया। उन्होंने बिना लालू यादव का नाम लिए कहा कि पहले नौकरी के बदले जमीन हड़प ली जाती थी। दरअसल, लालू प्रसाद पर रेलमंत्री रहते हुए नौकरी दिलाने के नाम पर जमीन हड़पने का आरोप है।
पीएम मोदी ने कहा कि रोजगार मेले एनडीए और बीजेपी की सरकारों की पहचान बन गए हैं। उन्होंने कहा कि आज निजी व सरकारी क्षेत्र में नौकरियों के अवसर बन रहे हैं और जिस पैमाने पर युवाओं को नौकरी दी गई है, वह ‘अभूतपूर्व’ है।
परिवारवादी राजनीति ने भाषा के आधार पर लोगों को बांटा-पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि परिवारवादी राजनीति ने भाषा के आधार पर लोगों को बांटा, हमने भाषा के माध्यम से अवसरों का निर्माण किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सुनिश्चित किया कि लोगों के सपने को साकार करने में भाषा बाधा ना बने। पीएम मोदी ने कहा कि एनडीए सरकार में भारत के इतिहास का सबसे बड़ा भर्ती अभियान, यह उसकी दूरदर्शिता का परिचायक है। उन्होंने कहा विपक्ष के शासन वाले राज्यों में नौकरी के लिए ‘रेट कार्ड’ जारी होता है जबकि हमारी ओर से युवाओं के भविष्य को ‘सेफगार्ड’ मिलता है। पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल में नौकरी के नाम पर भ्रष्टाचार की खोली पोल खोलते हुए इस तरह के वर्क कल्चर को युवा विरोधी बताया।
देश की अर्थव्यवस्था नई ऊंचाई को छू रही है-पीएम मोदी
पीएम मोदी ने इस अवसर पर कहा कि भारत को लेकर जितना विश्वास और उसकी अर्थव्यवस्था पर जितना भरोसा आज है, वह पहले कभी नहीं रहा। उन्होंने कहा कि वैश्विक मंदी, कोरोना महामारी और यूक्रेन-रूस युद्ध के बावजूद भारत अपनी अर्थव्यवस्था को नयी ऊंचाई पर ले जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘आज भारत बीते एक दशक की तुलना में ज्यादा स्थिर, ज्यादा सुरक्षित और ज्यादा मजबूत देश है। राजनीतिक भ्रष्टाचार, योजनाओं में गड़बड़ी और जनता के धन का दुरुपयोग पुरानी सरकारों की पहचान थी लेकिन आज भारत को राजनीतिक स्थिरता, निर्णायक फैसलों और आर्थिक व प्रगतिशील सामाजिक सुधारों के लिए जाना जाता है।’ (इनपुट-भाषा)