नई दिल्ली: दानिश अली को लेकर संसद में दिए आपत्तिजनक बयान के बाद बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने इंडिया टीवी बातचीत की। इंडिया टीवी के राजनीतिक संपादक देवेंद्र पराशर से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि उस समय की परिस्तिथि कुछ और थी और उसी आधार पर मैंने वो बात कही थी। उन्होंने कहा कि जब मैं सदन में अपनी बात रखा रहा था, उस समय वह लगातार कमेंट्री कर रहे थे। वह प्रधानमंत्री और लोकसभा स्पीकर पर टिपण्णी कर रहे थे। इसे लेकर कई सांसदों ने लिखित रूप से शिकायत भी की है।
विपक्ष के हमलों का जवाब देते हुए बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि भैंस अपना रंग नहीं देखती है और छाते का रंग देखकर बिदकती है। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले उदयनिधि स्टालिन ने 100 करोड़ हिंदुओं को डेंगू और मलेरिया कहा। उस समय मोहब्बत की दुकान चलाने वाले राहुल गांधी ने कुछ नहीं कहा। वह उनके पास नहीं गए। इसे स्टालिन का निजी बयान बताया गया। अगर वह बयान उनका निजी बयान हो सकता है तो मेरे बयान के खिलाफ बवंडर क्यों मचाया गया?
'मुझे आचरणहीन बताने वाले लोग पहले अपने गिरेबां में झांकें'
रमेश बिधूड़ी ने कहा कि मुझे आचरणहीन बताने वाले लोग पहले अपने गिरेबां में झांकें, उसके बाद वह किसी को प्रमाणपत्र दें। मैं लगातार तीन बार विधायक और दो बार से सांसद हूं। उस दिन सदन में कुछ तो ऐसा हुआ ही होगा, तभी ऐसा घटित हुआ। अब इस मामले में जांच चल रही है और स्पीकर की जांच में सच सामने आ जायेगा। उन्होंने कहा कि अगर उस प्रकरण के बाद दानिश अली मुझे फोन करके बात करते तो मामला उस दिन ही खत्म हो जाता।
'राहुल गांधी नफरत की दुकान में चिंगारी लगाने गए थे'
राहुल गांधी की दानिश अली से मुलाकात पर रमेश बिधूड़ी ने कहा कि वह मोहब्बत की दुकान चलाने नहीं बल्कि नफरत की दुकान में चिंगारी लगाने गए थे। उन्होंने कहा कि दानिश अली ने इस पूरे मामले में विक्टिम कार्ड खेलने कोशिश की है और वह इस मामले में राजनीति कर रहे हैं। उनके साथ मुस्लिम समाज भी नहीं है, क्योंकि वह उनसे परेशान हो चुका है। अब वह इस मामले से अपनी डूबती हुई नाव को बचाना चाहते हैं।
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