'अपनी अलग राजनीतिक पहचान बनाएं', शरद पवार की तस्वीरों के इस्तेमाल पर अजित पवार गुट को सुप्रीम कोर्ट की नसीहत
सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार गुट को निर्देश दिया है कि वह शरद पवार की तस्वीरों और वीडियो का इस्तेमाल नहीं करे और साथ ही यह नसीहत भी दी कि वे अपनी अलग राजनीतिक पहचान बनाएं।
नई दिल्ली: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर जहां अब मतदान की तारीख बिल्कुल नजदीक आ चुकी है वहीं इस बीच सूबे के बड़े राजनीतिक दल एनसीपी में पार्टी के सिंबल विवाद पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अजित पवार गुट को शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि वह चुनाव प्रचार में शरद पवार की तस्वीरें और वीडियो का इस्तेमाल नहीं करे। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुईयां की बेंच ने अजीत पवार के वकील से कहा कि आप शरद पवार वाले वीडियो का इस्तेमाल नहीं करें और अपनी अलग राजनीतिक पहचान बनाएं।अब अगले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर फिर सुनवाई करेगा।
शरद पवार का नाम बार-बार क्यों लिया जा रहा है?
आज हुई सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने अजीत पवार गुट से पूछा कि भले ही वीडियो पुराना चल रहा हो, लेकिन शरद पवार का नाम बार-बार क्यों लिया जा रहा है? इस पर अजीत पवार के वकील ने कहा कि यह पुराना फेसबुक पेज है। इसकी मैं कैसे जांच कर सकता था? इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि आपको पुराने और नए दोनों वीडियो के लिए अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए। अब आप अलग पार्टी के तौर पर स्थापित होने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि शरद पवार के साथ आपके वैचारिक मतभेद हैं।
शरद पवार वाले वीडियो का इस्तेमाल न करें
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश करेंगे कि आप अपने चुनाव पर ध्यान केंद्रित करें। इस देश के लोग बहुत समझदार हैं और वोट करना जानते हैं। देश के लोग यह पहचान सकते हैं कि शरद पवार कौन हैं और अजित पवार कौन हैं। आप लोगों को न्यायालय के आदेश का ईमानदारी से पालन करना चाहिए और उसका सम्मान किया जाना चाहिए। हमें नहीं पता कि वीडियो प्रभाव डालते हैं या नहीं और अगर प्रभाव डालते भी हैं तो कितना? कोर्ट ने अजीत पवार के वकील से कहा कि अपनी अलग राजनीतिक पहचान बनाएं, आप शरद पवार वाले वीडियो का इस्तेमाल न करें।
हमने अदालत के आदेश का पालन किया: अजित गुट
दरअसल, शीर्ष अदालत शरद पवार गुट की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने अपने भतीजे (अजित पवार) को इस चुनाव में अपनी पार्टी का प्रतिनिधित्व करने के लिए घड़ी सिंबल का उपयोग करने से रोकने की मांग की थी। शरद पवार गुट की शिकायत के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार गुट के वकील के पूछा कि वे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन कर रहे हैं या नहीं? अजित पवार गुट के वकील ने कहा कि हमने अदालत के आदेश का पालन किया है। अखबारों में डिस्कलेमर वाले विज्ञापन भी छापे गए हैं। अजीत पवार के वकील ने अदालत से कहा कि शरद पवार गुट द्वारा ये कहना कि आदेश का पालन नहीं किया जा रहा ये मतदाताओं को भ्रमित करना है।
ये दिखाने की कोशिश है कि परिवार एक है और उसी नाम पर वोट मांगे जाएं: सिंघवी
शरद पवार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया कि अजीत गुट इस मामले को 20 नवंबर (मतदान की तारीख) तक लटकाना चाहता है। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने पूछा कि क्या आपको लगता है कि महाराष्ट्र के मतदाता पार्टी के बीच बंटवारे के बारे में नहीं जानते? शरद पवार गुट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस बात को अलग तरीके से देखें तो इनकी सोच यह है कि पवार परिवार एक है और उसी नाम पर वोट मांगे जाएं। आप ऐसा नहीं कर सकते। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आप कितनी सीटों पर आमने सामने चुनाव लड़ रहे हैं? इस पर अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि दोनों दल 36 सीटों पर आमने सामने है और यह सबसे ज़्यादा मायने रखता है?अभिषेक मनु सिंघवी के इस जवाब पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि जब एक-दूसरे के खिलाफ़ आमने सामने हैं तो मतदाता कैसे भ्रमित होंगे? शरद पवार गुट के वकील ने बताया कि जो डिस्क्लेमर दिया जा रहा है उसमें परोक्ष रूप से दोनों को एक बताया जा रहा है।