नयी दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी की अगुवाई में विपक्षी दलों की लामबंदी शुरू हो गई है। दिलचस्प है कि इस बैठक से तृणमूल कांग्रेस ने दूरी बना ली है। दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर बीते रात हुई बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार और विपक्षी दलों के कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए। लेकिन, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नहीं रहीं। कुछ दिनों पहले ममता बनर्जी ने मुंबई दौरे के दौरान कहा था कि अब कोई यूपीए नहीं है। अब जिस तरह से सोनिया गांधी ने कांग्रेस सरीखे विपक्षी दलों को एक टेबल पर लाने की जुगत में दिख रही हैं वैसे में ये टीएमसी और ममता बनर्जी को एक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है।
बैठक में ये नेता रहें मौजूद
सोनिया गांधी के दिल्ली आवास 10, जनपथ पर हुई इस बैठक में शरद पवार के अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, शिवसेना नेता संजय राउत और द्रमुक नेता टीआर बालू भी शामिल रहे। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में शिवसेना की अगुवाई वाली महा विकास अघाड़ी की सरकार है, जिसमें एनसीपी और कांग्रेस घटक दल है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद रहे।
निलंबन वापसी पर भी चर्चा
इस बैठक में राज्यसभा से 12 विपक्षी सदस्यों के निलंबन पर भी मंथन हुआ। सभी सदस्य इस बात पर सहमत दिखे कि निलम्बित सदस्य माफी नहीं मांगेंगे। उनका कहना था कि जब कोई गलत काम ही नहीं किया गया है तो माफी किस बात के लिए मांगी जाए। वहीं, राज्यसभा से 12 सांसदों के निलंबन को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी की माफी की मांग पर संजय राउत ने कहा, "कोई माफी नहीं, कोई खेद नहीं, हम लड़ेंगे"।
बोले अब्दुल्ला
सोनिया गांधी के आवास पर हुई विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक के बाद नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि देश संकट में है। इसी संकट से निपटने पर चर्चा हुई। विपक्षी दल मिलकर अपनी लड़ाई लड़ेंगे और देश को संकट से बाहर निकालेंगे।
ममता बिना तीसरा मोर्चा?
अब जिस तरह से ये बैठक ममता बनर्जी के बिना हुई है उससे माना जा रहा है कि यूपीए सरीखे अन्य विपक्षी दल टीएमसी के बिना ही थर्ड फ्रंट बनाने और पीएम मोदी की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ मोर्चा खड़ा करने की तैयारी में है। दरअसल, ये सवाल कई महीनों से राजनीतिक गलियारों में तैर रहा है कि कांग्रेस के बिना तीसरा मोर्चा खड़ा किया जा सकता है। हालांकि, पिछले महीनें शरद पवार ने सफाई देते हुए कहा था कि कांग्रेस के बिना ये संभव नहीं है।
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