Congress President Election: कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में पार्टी के वरिष्ठ और नेता शशि थरूर(Shashi Tharoor) और मल्लिकार्जुन खड़गे(Mallikarjun Kharge) मैदान में हैं। इसी बीच शशि थरूर ने कहा कि वह मध्यप्रदेश में पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के द्वारा किए गए उनके स्वागत से बेहद खुश हैं। उन्होंने आगे कहते हुए यह स्वीकार किया कि दूसरे कई राज्यों में उनका इस उत्साह के साथ स्वागत नहीं हुआ। थरूर ने कहा, ‘‘मध्यप्रदेश में हुए स्वागत से मैं खुश हूं। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ एवं मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने मुझसे मुलाकात की।’’ उनके साथ पार्टी विधायक लक्ष्मण सिंह भी थे, जो राज्यसभा सदस्य और पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के छोटे भाई हैं।
'खड़गे से मेरी कोई दुश्मनी नहीं'
मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने आए शशि थरूर ने कहा, ‘‘यह सच है कि अन्य राज्यों में मेरा ऐसा स्वागत नहीं हुआ।’’ पार्टी के 9,000 प्रतिनिधियों में से मध्यप्रदेश के 502 प्रतिनिधियों के सोमवार को होने वाले चुनाव में मतदान करने की उम्मीद है। तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य 66 वर्षीय थरूर ने कहा कि ‘‘खड़गे से मेरी कोई दुश्मनी नहीं है और खड़गे के 80वें जन्मदिन पर मैंने उनकी उपलब्धियां गिनाई थीं।’’
'चुनाव के बाद मिलकर काम करेंगे'
शशि थरूर ने कहा, ‘‘चुनाव के बाद भी हम पहले की तरह साथ मिलकर काम करेंगे।’’ यह पूछने पर कि कांग्रेस अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद वह एकतरफा फैसले करना शुरू कर सकते हैं, जैसा कि पार्टी के कुछ लोग 1996 से 1998 तक पार्टी अध्यक्ष रहे सीता राम केसरी पर लोग आरोप लगाते हैं। थरूर ने कहा कि वह सभी को साथ लेकर चलेंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘कोई भी कांग्रेस अध्यक्ष गांधी परिवार को नजरअंदाज नहीं रख सकता है।’’
थरूर, खड़गे के लिए समान अवसर नहीं
थरूर ने गुरुवार को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के डेलीगेट (निर्वाचक मंडल के सदस्यों) के साथ बैठक की और अपने लिए वोट मांगा। इसमें पूर्व सांसद संदीप दीक्षित, दिल्ली महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अमृता धवन और कुछ अन्य डेलीगेट शामिल हुए। तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य 66 वर्षीय थरूर ने दोनों उम्मीदवारों के लिए समान अवसर नहीं होने संबंधी अपने पहले की एक टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं मिस्त्री साहब के खिलाफ कुछ नहीं बोलना चाहता था। सिस्टम में कुछ कमियां हैं क्योंकि 22 साल से चुनाव नहीं हुए हैं।’’
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