Congress President Election: कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर में लड़ाई चल रही है। दोनों ही नेता अपने-अपने पक्ष में मतदाताओं को लुभाने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं। इस बीच खड़गे ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस को मजबूत करने और उसकी विचारधारा को बचाने के लिये उन्होंने यह चुनाव लड़ने का फैसला किया है। खड़गे मंगलवार को ही लखनऊ पहुंचे और चुनाव में वोट डालने वाले उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने बीजेपी और संघ पर भी बड़ा हमला बोला।
‘विचारधारा बचाने के लिए लड़ रहा हूं चुनाव’
खड़गे ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिये गांधी परिवार के चुनाव लड़ने से मना करने के बाद उन्होंने अपने शुभचिन्तकों से सलाह मशविरा करके यह चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस की मजबूती और विचारधारा को बचाने के लिए मैंने चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। पूरे देश में मैं अपनी पार्टी के 9,000 से ज्यादा पदाधिकारियों और शुभचिन्तकों से मिलकर अपने लिए समर्थन मांग रहा हूं। मैंने उदयपुर चिन्तन शिविर की जो घोषणायें हैं, उन्हीं को शामिल करके अपना घोषणापत्र बनाया है।’
‘आशा भरी नजरों से कांग्रेस को देख रही जनता’
खड़गे ने कहा, ‘संगठन में 50 प्रतिशत पद 50 वर्ष से कम आयु वाले लोगों को दिये जायेंगे और अन्य जो भी घोषणायें हैं उन्हें भी मैं लागू करूंगा। मुझे पूरा भरोसा है कि सभी का समर्थन मुझे मिलेगा।’ कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य ने कहा कि कांग्रेस के लिए उत्तर प्रदेश बहुत अहम प्रदेश है और प्रियंका गांधी वाद्रा के प्रभारी बनने के बाद उत्तर प्रदेश में लोगों का कांग्रेस के प्रति रूझान बढ़ा है। विधानसभा चुनाव में भले ही कांग्रेस को आशानुरूप नतीजे नहीं मिले लेकिन भविष्य में जनता कांग्रेस के प्रति आशा भरी नजरों से देख रही है।
‘पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव मैं ही जीतूंगा’
खड़गे ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि वह अध्यक्ष पद का चुनाव जीतेंगे और इसमें यूपी का अहम योगदान होगा। उन्होंने कहा कि पार्टी में हो रहे संगठनात्मक चुनाव और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा की जा रही ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पर बीजेपी और RSS तमाम सवाल खड़े कर रहे हैं। वे अंग्रेजों की 'फूट डालो और राज करो' की नीति पर विश्वास करते हैं। देश की आजादी कांग्रेस ने दिलाई। इनका कोई भी कार्यकर्ता देश की आजादी के लिए न ही जेल गया और न ही फांसी पर लटका बल्कि वे अंग्रेजों के सहयोगी रहे और बदले में अंग्रेजों से पेंशन उठाते रहे।
Latest India News