हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार को भी अब योगी मॉडल इतना भा गया है कि वह भी योगी मॉडल को अपनाने जा रही है। हिमाचल में भी अब उत्तर प्रदेश की तरह रेहड़ी-पटरी वालों को नेमप्लेट लगाना अनिवार्य होगा। अब रेहड़ी-पटरी पर मालिक की आईडी लगाई जाएगी, ताकि लोगों को किसी भी तरीक़े की परेशानी न हो। इसके लिए प्रदेश के शहरी विकास विभाग और नगर निगम की बैठक में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। ये जानकारी सुक्खू सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दी है।
विक्रमादित्य सिंह ने दिया निर्देश
हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "हमने यूडी (शहरी विकास) और नगर निगम के साथ एक बैठक की। यह सुनिश्चित करने के लिए कि स्वच्छ भोजन बेचा जाए, सभी स्ट्रीट वेंडरों के लिए एक निर्णय लिया गया है...विशेषकर बेचने वालों के लिए।" खाद्य पदार्थ... लोगों ने अपनी चिंताएं और शंकाएं व्यक्त कीं और इस पर विचार करते हुए, हमने यूपी में एक समान नीति लागू करने का निर्णय लिया है, जिसमें यह अनिवार्य कर दिया गया है कि विक्रेताओं को अपना नाम और आईडी प्रदर्शित करना होगा... हर दुकानदार और स्ट्रीट वेंडर को अपनी पहचान प्रदर्शित करनी होगी..."
यूपी की योगी सरकार का ये था फैसला
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक दिन पहले ये फैसला सुनाया था जिसमें, उत्तर प्रदेश में सभी खाने-पीने की दुकानों को अपने मालिकों का नाम प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा। इस फैसले के पीछे की वजह ये है कि हाल ही में राज्य के अलग-अलग हिस्सों से फ्रूट जूस में पेशाब और रोटी पर थूकने की घटनाएं सामने आ रहीं थीं। इन घटनाओं को लेकर सीएम योगी चिंतित थे। सीएम योगी ने कहा था कि खाने में गंदगी मिलाना घृणित अपराध है, इससे लोगों की सेहत को गंभीर खतरा हो सकता है। उन्होंने अधिकारियों को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
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