कांग्रेस नेता शशि थरूर की लोकसभा चुनाव की भविष्यवाणी, "बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी, लेकिन..."
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भविष्यवाणी की है कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। हालांकि उन्होंने कहा कि अगर उनके सहयोगियों का एनडीए में विश्वास कम कर दिया जाए तो भाजपा की सीटों की संख्या में कमी आ सकती है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भविष्यवाणी की है कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आगामी 2024 के लोकसभा चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। हालांकि, उन्होंने कहा, भाजपा की सीटों की संख्या में कमी लाकर और उनके सहयोगियों का एनडीए गठबंधन में विश्वास कमजोर करके केंद्र में भाजपा की सरकार बनाने से रोका जा सकता है। बता दें कि 2019 के आम चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने 303 सीटें जीतीं थीं और अब 2024 के आम चुनावों में एनडीए का लक्ष्य जादुई 400 का आंकड़ा हासिल करना है।
"भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी, लेकिन..."
हालांकि कांग्रेस और 27 अन्य विपक्षी दलों ने भाजपा को चुनौती देने के लिए इंडी गठबंधन बनाया है। केरल साहित्य महोत्सव में बोलते हुए थरूर ने कहा कि भाजपा को सरकार बनाने से रोकने के लिए उसकी संख्या कम की जा सकती है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व केंद्रीय मंत्री थरूर ने एक सत्र 'इंडिया: द फ्यूचर इज़ नाउ' में कहा, "मुझे अब भी उम्मीद है कि भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। लेकिन मेरा मानना है कि उनकी संख्या को उस स्तर तक कम किया जा सकता है, जहां सरकार बनाने के लिए आवश्यक उनके संभावित सहयोगी अब उनके साथ सहयोग करने के इच्छुक नहीं होंगे और हो सकता है कि वे हमारे साथ सहयोग करने को तैयार हो जाएं। इसलिए हमें इसे आज़माना होगा।" थरूर ने कहा कि अगर इंडिया ब्लॉक पर्याप्त राज्यों में सीट-बंटवारे के समझौते को सुरक्षित कर लेता है तो रोकी जा सकने वाली हार को वाकई रोका जा सकता है।
"केरल में CPI(M) और कांग्रेस का सीट बंटवारा असंभव"
शशि थरूर ने कहा, "यह सबसे अच्छी रणनीति है जो वे (विपक्ष) कर सकते हैं और यदि ऐसा होता है और विचारों में पर्याप्त भिन्नता है, तो शायद भाजपा उम्मीदवार जीत जाएगा। लेकिन यह हमारी फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट प्रणाली में लोकतंत्र है।" थरूर ने कहा कि केरल में सीपीआई (एम) और कांग्रेस के लिए सीट बंटवारे के समझौते पर सहमत होना असंभव है। थरूर ने कहा, "केरल में, यह कल्पना करना लगभग असंभव है कि इंडी गठबंधन के दो प्रमुख प्रतिद्वंद्वी, यानी सीपीआई (एम) और कांग्रेस, कभी सीट-बंटवारे पर सहमत होंगे, लेकिन ठीक बगल में यानी तमिलनाडु में, सीपीआई, सीपीआई(एम), कांग्रेस और डीएमके सभी एक साथ गठबंधन कर रहे हैं और कोई बहस नहीं है, कोई विवाद नहीं है। वे पहले ही पिछला चुनाव एक साथ लड़ चुके हैं। संभावना है कि वे यह चुनाव भी लड़ेंगे।"
सीट-बंटवारे पर कई जगह फंस रहा पेंच
बता दें कि इंडिया गठबंधन कई राज्यों में सीट-बंटवारे पर बातचीत कर रहा है। हालांकि, कई राज्यों में घटक दलों के बीच समझौता करना मुश्किल है क्योंकि घटक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रहे हैं। वहीं पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने कहा था कि उनकी टीएमसी केवल भाजपा को हरा सकती है। उन्होंने संकेत दिया कि वह राज्य में सीटें साझा करने के खिलाफ हैं। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने बाद में दावा किया कि ममता की पार्टी ने केवल दो सीटों की पेशकश की थी।
इसी तरह पंजाब और दिल्ली में कांग्रेस और AAP कट्टर प्रतिद्वंद्वी हैं। एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी के बाद यह संकेत मिला कि दोनों पार्टियां सीटें साझा नहीं करना चाहती हैं। हालांकि AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल की शनिवार को मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात के बाद दोनों पक्षों ने कुछ प्रगति की है। नीतीश कुमार द्वारा इंडिया गठबंधन के संयोजक बनने से इनकार करने के बाद शनिवार को कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे को गठबंधन का अध्यक्ष चुना गया।
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