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Hindi News भारत राजनीति 'एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे', जातिगत जनगणना पर दिग्विजय सिंह का बयान, बोले- चोरी की है महाराष्ट्र सरकार

'एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे', जातिगत जनगणना पर दिग्विजय सिंह का बयान, बोले- चोरी की है महाराष्ट्र सरकार

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र में चोरी की सरकार है। वहीं उन्होंने जातिगत जनगणना और भाजपा के नारे 'एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे' पर भी बयान दिया है।

congress leader digvijay singh remark over caste census and maharashtra assembly election- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO दिग्विजय सिंह

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 20 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे। इस बीच दिल्ली पहुंचे कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने महाराष्ट्र चुनाव को लेकर कहा कि महाराष्ट्र सरकार चोरी की है। यह जनता द्वारा चुनी गई सरकार नहीं है। जनता ने कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी की गठबंधन सरकार चुनी थी। इन्होंने (भाजपा) झारखंड सरकार को भी गिराने की कोशिश की। इन्होंने मौजूदा सीएम को जेल भेज दिया, जबकि उनके पास ऐसा करने का कोई कारण नहीं था। साथ ही कोर्ट ने सवाल किया कि उन्हें क्यों गिरफ्तार किया गया? मुझे पूरा भरोसा है कि झारखंड और महाराष्ट्र में हमारी गठबंधन सरकार बनेगी।"

'एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे' पर क्या बोले दिग्विजय सिंह

'एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे' के नारे पर दिग्विजय सिंह ने कहा, "पीएम मोदी कह रहे हैं 'एक रहो, सुरक्षित रहो।' राहुल गांधी ने सही कहा है कि कुछ लोग भारतीय अर्थव्यवस्था पर एकाधिकार चाहते हैं और वे एकजुट हैं तो सुरक्षित हैं। जहां तक यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का सवाल है, जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर संस्कृति पर आदेश दिया है, अगर कोई और होता तो इस्तीफा दे देता। सीएम योगी बुलडोजर कार्रवाई पर गर्व करते हैं। बुलडोजर से फूल बरसाकर उनका स्वागत किया जाता है। बुलडोजर उनके कार्यकाल की पहचान रही है। मैं सुप्रीम कोर्ट के जजों को उनके फैसले के लिए बधाई देता हूं।"

जातिगत जनगणना पर दिग्विजय सिंह ने कही ये बात

जाति आधारित जनगणना पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, "बीजेपी ही विभाजन कर रही है। राहुल गांधी कह रहे हैं कि समस्याओं का समाधान विस्तृत शोध के आधार पर मिलता है। संविधान में प्रावधान है कि आबादी के हिसाब से एक वर्ग को नौकरी में जगह मिलेगी और बजट भी उसी हिसाब से दिया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। कोई भी टॉप या मिडिल लेवल का कॉरपोरेट अनुसूचित जनजाति से नहीं है। मीडिया में भी आपकी प्रोफाइल में आदिवासी समुदाय के कितने लोग हैं? सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए। वे जनगणना से क्यों डरते हैं? अभी 2024 है और 2021 की जनगणना होनी है।

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