आंध्र प्रदेश की कमान कांग्रेस ने वाईएस शर्मिला के हाथों में सौंप दी है। वाईएस शर्मिला आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की बहन हैं। पहले से ही ये माना जा रहा था कि कांग्रेस YS शर्मिला को आंध्र प्रदेश की कमान सौंप सकती है। दरअसल, इस साल लोकसभा चुनाव के साथ ही आंध्र प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके मद्देनजर प्रदेश कांग्रेस में ये बदलाव किए गए हैं। इन्हीं बदलाव के क्रम में गिडुगु रूद्र राजू ने आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा था।
रूद्र राजू ने 15 जनवरी को अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा
पहले से ही ये माना जा रहा था कि कांग्रेस YS शर्मिला को आंध्र प्रदेश की कमान सौंप सकती है। दरअसल, आंध्र प्रदेश के कांग्रेस तत्कालीन अध्यक्ष रूद्र राजू ने 15 जनवरी को अपने पद से इस्तीफा दिया था। ये इस्तीफा आलाकमान के इशारे पर हुआ था, क्योंकि पार्टी ने पहले ही YS शर्मिला की ताजपोशी की स्क्रिप्ट लिख दी थी। YS शर्मिला ने तेलंगाना के विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के प्रत्याशियों को खड़ा नहीं किया था। उन्होंने कहा था कि यदि मैं प्रत्याशी खड़ा करूंगी, तो वोटों का बंटवारा होगा और इससे नुकसान हो सकता है। शर्मिला की पार्टी ने कांग्रेस को समर्थन दे दिया था। इसके बाद पार्टी का कांग्रेस में विलय भी कर दिया था।
YS शर्मिला ने अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया
YS शर्मिला ने 2012 में अपने भाई जगन मोहन रेड्डी की पार्टी YSRCP को खड़ा करने में मदद की थी। जगन ने कांग्रेस छोड़कर इस पार्टी का निर्माण किया था, लेकिन फिर जगन मोहन भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल चले गए और पीछे से शर्मिला ने पार्टी को बांधे रखा। फिर YSRCP चुनाव जीती और जगन सीएम बने, लेकिन बहन शर्मिला और भाई जगन के बीच मतभेद शुरू हो गए। नतीजतन शर्मिला ने नई पार्टी बना ली और हाल ही में पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया।
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