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Hindi News भारत राजनीति पुलिसकर्मियों पर पथराव का केस कांग्रेस सरकार ने लिया वापस, BJP बोली- ‘तुष्टीकरण की पराकाष्ठा’

पुलिसकर्मियों पर पथराव का केस कांग्रेस सरकार ने लिया वापस, BJP बोली- ‘तुष्टीकरण की पराकाष्ठा’

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से जब आरोपियों पर से मुकदमा वापस लेने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सरकार के पास कुछ मुकदमों को वापस लेने का अधिकार होता है।

Congress, Congress Withdraws Cases, Congress Withdraws Cases Muslims- India TV Hindi Image Source : PTI FILE कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया।

बेंगलुरु: कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने हुबली में 16 अप्रैल 2022 को पुलिसकर्मियों पर पथराव करने वाली भीड़ के खिलाफ दर्ज एक क्रिमिनल केस को वापस लेने का फैसला किया है। सूत्रों ने बताया कि यह उन 43 मुकदमों में से एक है, जिन्हें सूबे की कैबिनेट ने गुरुवार को बैठक में वापस लेने का फैसला किया। बता दें कि अंजुमन-ए-इस्लाम ने गृह मंत्री जी. परमेश्वर को एक अर्जी दी थी, जिसके बाद केस वापस लेने का फैसला किया गया है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सरकार के इस फैसले को ‘तुष्टीकरण की पराकाष्ठा’ करार दिया।

‘सरकार के पास मुकदमे वापस लेने का अधिकार’

मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने इस मुद्दे पर कहा, ‘सरकार के पास कुछ मुकदमों को वापस लेने का अधिकार है। राज्य के गृह मंत्री के नेतृत्व में एक मंत्रिमंडल उपसमिति बनाई गई जिसने अपने विवेक के अनुसार निर्णय लिया और उसके बाद कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी। मैं देखूंगा कि यह क्या है।’ वहीं, केंद्रीय मंत्री जोशी ने कहा, ‘दुर्भाग्य से कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी तुष्टीकरण की पराकाष्ठा पर पहुंच गई है। उन्होंने UAPA के तहत दर्ज केस को वापस ले लिया जबकि मामला NIA की कोर्ट में है। जहां तक ​​मुझे पता है सामान्य तौर पर राज्य सरकार इसे वापस नहीं ले सकती लेकिन फिर भी उन्होंने इसे वापस ले लिया। यह तुष्टीकरण की पराकाष्ठा है।’ डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि BJP के कई नेताओं के भी केस वापस लिए गए हैं।

‘150 लोगों की भीड़ ने किया थाने पर हमला’

पुलिस के मुताबिक, एक आरोपी ने सोशल मीडिया पर कथित तौर पर एक अपमानजनक पोस्ट की थी। पुलिस के एक अफसर, ‘पोस्ट से आक्रोशित अल्पसंख्यक समुदाय के लगभग 150 लोग 16 अप्रैल 2022 की रात करीब साढ़े 10 बजे पत्थरों और डंडों से लैस होकर उत्तरी कर्नाटक के ओल्ड हुबली टाउन थाने के पास जमा हो गये। वे (भीड़) पुलिस से आरोपी को उनके हवाले करने की मांग कर रहे थे, ताकि वे उसे वहीं खत्म कर सकें। भीड़ में शामिल लोगों ने यह भी चेतावनी दी कि जो भी आरोपी को बचाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। भीड़ में शामिल लोगों ने आरोपी की रक्षा करने वाले पुलिसकर्मियों को कथित तौर पर मारने के नारे लगाए।’

‘हमले में घायल हो गए थे कई पुलिसकर्मी’

सूत्रों ने बताया कि पुलिस इंस्पेक्टर ने भीड़ में शामिल लोगों को अपना ‘अड़ियल रवैया’ छोड़ने और वहां से जाने के लिए मनाने की कोशिश की लेकिन वे थाने में घुसने की कोशिश करने लगे। इसके बाद भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर डंडों और पत्थरों से हमला कर दिया जिसमें ड्यूटी पर मौजूद कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। इतना ही नहीं, गुस्साई भीड़ ने वहां कई सरकारी और प्राइवेट गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया। अधिकारी ने कहा, ‘इसके बाद ओल्ड हुब्बली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दंगा, हत्या का प्रयास, सरकारी अधिकारियों पर हमला, सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने और UAPA ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था।’ (PTI इनपुट्स केसाथ)

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