Congress Crisis: कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई को रविवार को एक और बड़ा झटका लगा। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री ताज मोहिउद्दीन ने कांग्रेस छोड़ दी और गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व वाले मोर्चे में शामिल हो गए। हालांकि, मोहिउद्दीन ने साफ किया कि आजाद के नेतृत्व वाला समूह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ कोई समझौता नहीं करेगा लेकिन नेशनल कांफ्रेंस या पीडीपी के साथ गठबंधन करेगा। मोहिउद्दीन ने यहां प्रेस वार्ता में बताया, “ आज, मैंने कांग्रेस अध्यक्ष और महासचिव और अन्य को पत्र लिख कर कहा कि मैं कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता सहित उन सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं जो मेरे पास थे।” उन्होंने कहा कि वह आजाद के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल होंगे।
"आजाद के मोदी से रिश्ते निजी हैं, राजनीतिक नहीं"
पूर्व मंत्री ताज मोहिउद्दीन ने कहा कि आजाद नीत पार्टी का भाजपा से कोई संबंध नहीं है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके रिश्ते निजी हैं न कि राजनीतिक। मोहिउद्दीन ने कहा, “आजाद के मोदी के साथ संबंध का मतलब यह नहीं है कि वे राजनीतिक संबंध हैं। कुछ लोगों का आरोप है कि उनके भाजपा के साथ कुछ रिश्ते हैं। व्यक्तिगत संबंध और राजनीतिक संबंध हमेशा अलग होते हैं। वे दो बार संसदीय कार्य मंत्री रहे और उस समय विपक्ष के साथ उनके अच्छे संबंध थे।”
घोषणापत्र में करेंगे अनुच्छेद 370 बहाली का जिक्र
मोहिउद्दीन ने कहा, “मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हमारा भाजपा से कोई रिश्ता नहीं है और मैं अल्लाह की कसम खाता हूं। हम धर्मनिरपेक्ष हैं और किसी भी तरह से गैर-धर्मनिरपेक्ष पार्टी के साथ कोई संबंध नहीं रख सकते हैं।” उरी के पूर्व विधायक ने कहा कि अगर चुनाव के बाद गठबंधन की जरूरत पड़ी तो वे नेशनल कॉन्फ्रेंस या पीडीपी के साथ गठबंधन करेंगे। उन्होंने कहा कि उनके घोषणापत्र में चार अगस्त 2019 की स्थिति को बहाल करने का जिक्र होगा जब जम्मू-कश्मीर पूर्ण राज्य था और संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत उसकी विशेष स्थिति थी। मोहिउद्दीन ने कहा कि कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रमुख नेता आजाद के साथ आ चुके हैं और जो कांग्रेसी नेता अन्य दलों में शामिल हुए थे, वे भी उनके साथ आ जाएंगे। उन्होंने कहा, “अब यहां कांग्रेस पार्टी में कुछ नहीं बचा है। कांग्रेस अब दो या तीन सीट ही जीत सकती है।”
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