कांग्रेस का केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप-'रेलवे को बर्बाद कर दिया', IRCTC ने दिया करारा जवाब
कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि रेलवे को बर्बाद कर दिया। इसका आईआरसीटीसी ने करारा जवाब दिया है।
कांग्रेस ने ट्रेन में घटिया खाना परोसने का आरोप लगाते हुए रेलवे और केंद्र की एनडीए सरकार पर बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि एनडीए की सरकार ने रेलवे को बर्बाद कर दिया है। हालात ये हैं कि रेलवे में न सफर सुरक्षित है और न ही खाना। ये हम नहीं कह रहे हैं ये आरटीआई से पता चला है। आरटीआई के जरिए कांग्रेस ने रेलवे पर आरोप लगाया है कि ट्रेनों में दो साल में घटिया क्वॉलिटी के खाने की शिकायत 500% बढ़ गई है। आए दिन रेलवे के खाने के वीडियो वायरल होते हैं, जिसमें कभी कीड़े तो कभी कॉकरोच निकलते हैं।
कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि एनडीए की ये सरकार जनता से वसूली तो पूरी करती है, लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ नहीं देती। ये पूरा देश जानता है। पीएम को जनता से कोई मतलब नहीं, उन्हें सिर्फ अपने अमीर दोस्तों की चिंता है।
कांग्रेस द्वारा सोशल मीडिया के जरिए रेलवे पर लगाए गए आरोप पर आईआरसीटीसी ने जवाब दिया है। जिसमें उसने कहा है कि-
महोदय,
कृप्या संज्ञान लें कि यह तुलनात्मक विश्लेषण कोविड वैश्विक महामारी के समय से किया गया है जिस समय ना तो पूर्ण रुप से रेलगाड़ियों का संचालन हो रहा था और ना ही पका हुआ खाना गाड़ियों में परोसा जा रहा था। इस विषय पर द्वारा दिए गए निम्न स्पष्टीकरण का भी अवलोकन करें।
आरटीआई निष्कर्षों का जवाब देते हुए आईआरसीटीसी ने एक स्पष्टीकरण साझा किया, जिसमें कहा गया है कि "वेब समाचार भ्रामक है, क्योंकि आंकड़ों की व्याख्या तार्किक नहीं है और सही संदर्भ में भी नहीं है। 2021-22 (जनवरी-2022) में पके हुए भोजन की बहाली के बाद, प्रतिदिन औसतन 14 गुणवत्ता/स्वच्छता संबंधी शिकायतें प्राप्त हुईं, जो प्रतिदिन लगभग 5.00 लाख पके हुए भोजन का 0.0029% है।आईआरसीटीसी एक दिन में लगभग 16.00 लाख पका हुआ भोजन परोसता है और प्रतिदिन औसतन 20 गुणवत्ता/स्वच्छता संबंधी शिकायतें प्राप्त होती हैं।
2023-24, जो परोसे गए कुल भोजन का 0.0012% है, वास्तव में, 2023-24 में पके हुए भोजन पर गुणवत्ता/स्वच्छता संबंधी शिकायतों में कमी आई है। सेवा प्रदाताओं के खिलाफ कार्रवाई प्रत्येक मामले की गंभीरता के आधार पर की जाती है।
आईआरसीटीसी ने आगे कहा कि-
आईआरसीटीसी ने कहा कि " कोविड के तीसरे लहर की समाप्ति के अलावा, सेवा प्रदाताओं को अनुबंध के नियमों और शर्तों के अनुसार उपयुक्त रूप से लिया गया था। आईआरसीटीसी एक अच्छी तरह से निर्धारित गुणवत्ता और स्वच्छता जांच प्रणाली का पालन करता है, जिसमें एनएबीएल मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में भोजन के नमूनों की नियमित रूप से जांच की जाती है। रसोई की निगरानी सीसीटीवी के माध्यम से की जाती है आदि।
गुणवत्ता में सुधार करने और खानपान संबंधी शिकायतों को कम करने के लिए अखिल भारतीय आधार पर आधुनिक बेस किचन की श्रृंखला स्थापित करने के साथ दीर्घकालिक क्लस्टर निविदाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है। ऐसा स्पष्टीकरण में कहा गया है।