नेहरू मेमोरियल के नए नाम पर भड़की कांग्रेस तो भाजपा ने दिया जवाब, बोली- ये सिर्फ नेहरू-गांधी परिवार...
नेहरू मेमोरियल का नाम बदलकर प्रधानमंत्री मेमोरियल कि जाने से भड़की कांग्रेस ने सरकार पर जमकर हमला बोला है। भाजपा नेताओं ने भी इसका जवाब दिया है।
दिल्ली स्थित नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय का नाम बदल कर प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय किए जाने को लेकर कांग्रेस भड़की हुई है। काग्रेस ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लगातार हमले के बावजूद देश के पहले पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू की विरासत हमेशा जिंदा रहेगी और वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे। वहीं, अब कांग्रेस के इस बयान पर भाजपा ने भी पलटवार किया है।
जयराम रमेश भड़के
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने नेहरू संग्रहालय का नाम बदलने के फैसले को ओछापन और द्धेष से भरा हुआ कदम बताया है। उन्होंने कहा कि जब बात सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले पीएम नेहरू की होती है तो पीएम मोदी भय और असुरक्षा से भरे नजर आते हैं। जयराम ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में नेहरू के व्यापक योगदान और भारत की लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष, वैज्ञानिक और उदार नींव डालने में उनकी उपलब्धियों को कम नहीं किया जा सकता।
भाजपा ने किया पलटवार
कांग्रेस के आरोपों पर जवाब देते हुए बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस नेहरू-गांधी परिवार को बढ़ावा देने के इर्द-गिर्द केंद्रित है। पीएम मोदी ने ये निश्चित किया कि देश के सभी प्रधानमंत्रियों को सम्मानजनक स्थान दिया जाए। उन्होंने कहा कि इससे पहले किसी भी अन्य प्रधानमंत्री को इस संग्रहालय में जगह नहीं दी गई थी। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस नेताओं की आलोचना कुछ और नहीं बल्कि दरबारियों का विलाप है।
नकवी ने भी दिया जवाब
भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि पीएम मोदी ने कांग्रेस सहित देश के सभी प्रधानमंत्रियों को सम्मानित करने की कोशिश की है। नकवी ने कहा कि पीएम मोदी ने उन सभी महापुरुषों को सम्मान दिया है जिन्हें कांग्रेस ने भुला दिया था। नकवी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सोचती है कि केवल एक परिवार ने ही राष्ट्र के निर्माण में योगदान दिया। उन्होंने सभी संस्थानों का नाम अपने सदस्यों के नाम पर रखा।
पूर्व पीएम नेहरू का निवास स्थान
सरकार ने बीते 16 जून को ही दिल्ली के तीन मूर्ति भवन पर स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम व लाइब्रेरी का नाम बदलने का ऐलान किया था। 15 अगस्त को इसे आधिकारिक रूप से प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय नाम दे दिया गया। आजादी के बाद ये तत्कालीन पीएम जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक निवास था। 1964 में निधन तक नेहरू करीब 16 साल तक यहीं रहे थे। इसके बाद की सरकार ने नेहरू को समर्पित करते हुए इस भवन में एक संग्रहालय और एक पुस्तकालय बनवाया था।
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