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Hindi News भारत राजनीति केजरीवाल को कांग्रेस नेता की सलाह, कहा- 'अधिकारी किसी के सगे नहीं होते, उन्हें चाय पकौड़े के लिए बुलाएं'

केजरीवाल को कांग्रेस नेता की सलाह, कहा- 'अधिकारी किसी के सगे नहीं होते, उन्हें चाय पकौड़े के लिए बुलाएं'

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता अजय माकन ने शीला दीक्षित से जुड़ा हुआ किस्सा सुनाते हुए अरविन्द केजरीवाल को सलाह दी है। उन्होंने बताया है कि इस मसले का हल अधिकारियों के साथ बातचीत करके ही निकाला जा सकता है।

Arvind Kejriwal, New Delhi, Aam Aadmi Party, Congress, Ajay Maken, Sheila Dikshit, BJP- India TV Hindi Image Source : FILE अजय माकन

नई दिल्ली: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और केंद्र की मोदी सरकार के बीच लड़ाई अब एक अलग ही लेवल पर जा चुकी है। कोई भी एक भी इंच पीछे हटने को तैयार नहीं है। दोनों सरकारें लड़ने के लिए हर रोज नए बहाने खोज ले रही हैं। दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार किसके पास होगा इसको लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार एक बार फिर आमने-सामने हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार राज्य सरकार को दिया था लेकिन केंद्र सरकार ने इसे एक अध्यादेश के जरिए पलट दिया। अब इसी मामले पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता अजय माकन ने शीला दीक्षित से जुड़ा हुआ किस्सा सुनाते हुए अरविन्द केजरीवाल को सलाह दी है। 

कांग्रेस नेता अजय माकन ने ट्वीट करते हुए कहा, "साल 2000 के शुरुआती दिनों में दिल्ली में ऐतिहासिक बदलाव चल रहा था। मैं ट्रांसपोर्ट, पावर और पर्यटन मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नेतृत्व में काम कर रहा था। हम CNG से पब्लिक ट्रांसपोर्ट चलाने, मेट्रो शुरू करने और बिजली विभाग में सुधार करने जैसी कई पहलों की अगुवाई कर रहे थे।" उन्होंने कहा,  "एक दिन सुबह मुझे बेचैन कर देने वाली खबर मिली। मुझे पता चला कि मेरे परिवहन आयुक्त सिंधुश्री खुल्लर का ट्रांसफर किया गया है। उनके ट्रांसफर से पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सीएनजी पर ले जाने में बाधा आ सकती थी। मैं सोच रहा था कि क्या होगा यदि नया अधिकारी डीजल लॉबिस्ट हो? मैंने इस मामले में शीला दीक्षित से बात की और कहा मैडम आपने मेरे परिवहन आयुक्त को बदल दिया है। मैंने न्यूजपेपर में पढ़ा है। इससे पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सीएनजी पर ले जाने की हमारी परियोजना को खतरा हो सकता है। सीएम ने कहा कि तुम्हें किसने बताया? यह सब अफवाहें और अफवाहों के आधार पर परेशान क्यों होते हो?”

अजय माकन ने लिखा, ""लेकिन जल्द ही अफवाहें सच्चाई में बदल गईं। इसके बाद सीएम ने कहा कि तुम सही थे। मुझे पहले इसके बारे में जानकारी नहीं थी, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है। हम इसे चुनौती देंगे। एलजी ऐसा फैसला कैसे ले सकते हैं?” हमने दिल्ली के उपराज्यपाल से मिलने का फैसला किया। हमने अपील की, लेकिन एलजी अपना फैसला बदलने को तैयार नहीं थे। उन्होंने कहा कि मेरे पास आदेश आए हैं। मैं इसे उलट नहीं सकता। इसके बाद सीएम ने केंद्र सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाया। उसने हस्तक्षेप की मांग की। दुर्भाग्य से शाम तक फैसला नहीं बदला। मैंने राजनीतिक रूप से संचालित इस बाधा को उजागर करने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का प्रस्ताव रखा। हालांकि, उनकी एक अलग रणनीति थी। उन्होंने कहा, नहीं, नहीं, किसी को हमारी विफलता के बारे में नहीं बताओ। अधिकारियों को यह पता नहीं चलना चाहिए कि हमने कोशिश की और सफल नहीं हुए। अगर उन्हें यह पता चल गया तो वे हमें गंभीरता से सुनना बंद कर देंगे।”

'अधिकारी को बुलाओ और उन्हें बताओ कि सीएम उनकी नियुक्ति से खुश हैं'

इसके बाद उन्होंने मुझसे कहा कि नए नियुक्त हुए अधिकारी को बुलाओ और उन्हें बताओ कि सीएम उनकी नियुक्ति से खुश हैं। उन्हें बताओ की सीएनजी बदलाव क्यों जरूरी है और उन्हें चाय- पकौड़े पर बुलाओ। ये अधिकारी किसी के साथ नहीं हैं। इनसे चतुराई से निपटो। अजय माकन ने कहा कि इसके बाद मैंने सीएम की सलाह पर अपनी शंकाओं के बावजूद नए उक्त अधिकारी को चाय- पकौड़े पर बुलाया और उनसे कहा कि सुप्रीम कोर्ट वायु प्रदूषण को कम करने के हमारे प्रयासों की कड़ी निगरानी कर रहा है। हमारे लिए दिल्ली में सीएनजी लागू करना जरूरी है। नए अधिकारी ने स्थिति की गंभीरता को समझा। हम विभिन्न लॉबियों के खिलाफ एकजुट हुए और हम बदलाव करने में सफल हुए। हमारे इन प्रयासों और कामों को सुप्रीम कोर्ट और यहां तक कि अमेरिकी सरकार से भी प्रशंसा मिली। मैं गर्व के साथ कहता हूं कि हम अपनी सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को पूरी तरह से सीएनजी में बदलने वाला दुनिया का पहला शहर बन गए।

 

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