कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई पर सवाल उठाया। दरअसल ईडी ने सिद्धारमैया के खिलाफ धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत केस दर्ज किया है। इसे लेकर सिद्धारमैया ने कहा कि मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) मामले में पीएमएलए के प्रावधान लागू नहीं होते हैं। मीडिया से बात करते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि यह किस आधार से धन शोधन का मामला है। संभवत: आपको भी ऐसा ही लगता होगा। मेरे हिसाब से यह धनशोधन का मामला नहीं बनता है। क्योंकि जमीन जो ली गई है, उसके भदले भूखंड दिया गया था। तो किस तरह से यह धन शोधन का मामला है।
सिद्धारमैया ने इस्तीफे से किया इनकार
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ एमयूडीए द्वारा उनकी पत्नी को 14 भूखंडों को आवंटन करने की प्रक्रिया में कथित तौर पर अनियमितताओं को लेकर केस दर्ज किया था। सीएम सिद्धारमैया और अन्य के खिलाफ ईडी ने पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया है। एमयूडीए मामले में सिद्धारमैया ने अपने पद से इस्तीफा देने से भी इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि मैं अंतरात्मा की आवाज के मुताबिक ही काम करता हूं। ऐसे में इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है। इस बीच सोमवार को ही सिद्धारमैया की पत्नी ने एमयूडीए को एक पत्र भी लिखा।
सिद्धारमैया की पत्नी ने क्या कहा?
सिद्धारमैया की पत्नी ने एमयूडीए को पत्र लिखकर 14 भूखंडे को स्वामित्व पर कब्जा छोड़ने की पेशकश की। उन्होंने अपने पत्र में कहा कि उनके पति के सम्मान, प्रतिष्ठा, गरिमा और मानसिकता से बढ़कर कुछ नहीं है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि, जब कोई किसी विवाद से बचने के लिए कुछ छोड़ने का फैसला करता है, तो यह अपराध या कबूलनामा कैसे हो सकता है। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टी के नेता झूठ बोलने में विश्वगुरु हैं। सिद्धारमैया ने कहा कि क्या मेरे इस्तीफा देने के बाद यह मामला बंद हो जाएगा। अनावश्यक रूप से वे मेरे इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
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