'डिप्टी स्पीकर का पद दें तो ओम बिरला को देंगे समर्थन', विपक्ष की मीटिंग में सहमति, TMC का अलग राग
लोकसभा के स्पीकर के पद के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष में तनातनी जारी है। इस बीच, विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने बैठक की और सहमति बनी कि अगर डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को दिया जाएगा तो ओम बिरला का समर्थन करेंगे। इस बैठक में टीएमसी ने अपना अलग सुर अलापा।
लोकसभा के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के पद को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने है। हालांकि बहुमत सत्ता पक्ष के पास है और स्पीकर का पद सत्ता पक्ष के पाले में आ सकता है। लेकिन विपक्ष ने भी स्पीकर पद के लिए अपना उम्मीदवार उतार दिया है। सत्ता पक्ष के ओम बिरला या विपक्ष के के सुरेश, दोनों में से स्पीकर कौन होगा, इसका चुनाव आज सुबह 11 बजे होगा। वहीं विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों के नेताओं ने मंगलवार को बैठक कर लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव से जुड़ी रणनीति पर चर्चा की और आगे क्या करना है, इस बारे में बात हुई।
विपक्ष की इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस भी शामिल हुई जिसने पहले कहा था कि उसे भरोसे में लिए बिना कोडिकुनिल सुरेश का नाम विपक्ष के उम्मीदवार के तौर पर घोषित कर दिया गया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास ‘10 राजाजी मार्ग’ पर हुई बैठक में राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन, शिवसेना (यूबीटी) के नेता अरविंद सावंत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की नेता सुप्रिया सुले, द्रमुक नेता टीआर बालू तथा कई अन्य दलों के नेता शामिल थे।
डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को मिले तो करेंगे समर्थन
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का कहना था कि परंपरा के अनुसार लोकसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को मिलना चाहिए और यदि सरकार पर इस सहमति देती है तो वह अध्यक्ष पद के लिए सरकार का समर्थन करेंगे। कांग्रेस ने कहा कि गेंद अब सरकार के पाले में है कि वह इस मुद्दे पर आम सहमति बनाये क्योंकि परंपरा के मुताबिक उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को मिलना चाहिए।
अध्यक्ष पद के लिए चुनाव बुधवार सुबह होगा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पास चुनाव जीतने के लिए पर्याप्त संख्या है। कांग्रेस नेता के.सी.वेणुगोपाल और दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि गेंद अब भी सरकार के पाले में है जो विपक्ष को उपाध्यक्ष का पद दे सकती है। हुड्डा ने कहा कि अगर सरकार उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को देने का फैसला करती है तो विपक्ष अबभी बिरला के पक्ष में चुनाव से पीछे हट सकता है।
टीएमसी का अलग राग, अभिषेक बनर्जी ने क्या कहा
दूसरी तरफ, मंगलवार को दिन में तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी ने यह बयान देकर कांग्रेस के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी थी कि कि इस पद के लिए ‘इंडिया’ के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस के कोडिकुनिल सुरेश को उम्मीदवार बनाने पर उनकी पार्टी से सलाह नहीं ली गई। उन्होंने यह भी कहा था कि सुरेश को समर्थन देने को लेकर पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी निर्णय लेंगी। अभिषेक बनर्जी ने कहा था, ‘‘किसी ने हमसे संपर्क नहीं किया। कोई बातचीत नहीं हुई, दुर्भाग्य से यह एकतरफा फैसला है।’
(इनपुट-पीटीआई भाषा)
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