Chintan Shivir: केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) द्वारा आयोजित दो दिवसीय ‘नवसंकल्प चिंतन शिविर’ रविवार को संपन्न हो गया। चिंतन शिविर के दौरान पार्टी ने केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत सरकार की कथित ‘विभाजनकारी’ राजनीति, हिंदुत्व और राज्य में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) सरकार की नीतियों का मुकाबला करने के लिए कई फैसले लिए। यह शिविर राजस्थान के उदयपुर में पिछले दिनों आयोजित राष्ट्रीय सत्र के समान, 2024 में लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी को तैयार करने के लिए आयोजित किया गया।
"बीजेपी कर रही अंग्रेजों की रणनीति का पालन"
दो दिवसीय आयोजन के समापन सत्र में केपीसीसी प्रमुख के. सुधाकरन ने केंद्र में भाजपा नीत सरकार की कथित ‘विभाजनकारी’ राजनीति का जिक्र करते हुए अपना भाषण शुरू किया और दावा किया कि वे उसी रणनीति का पालन कर रहे हैं जैसा कि अंग्रेजों ने देश पर शासन के समय किया। उन्होंने यह भी कहा कि संघ परिवार के ‘‘हिंदुत्व राष्ट्र’’ का एजेंडा देश के लोकतांत्रिक सिद्धांतों के खिलाफ है। केपीसीसी प्रमुख ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को निशाना बनाने के लिए कथित तौर पर राजनीतिक प्रतिशोध के एक उपकरण के रूप में प्रवर्तन निदेशालय (ED) का ‘इस्तेमाल’ करने के लिए केंद्र पर निशाना साधा।
LDF सरकार पर भी साधा निशाना
सुधाकरन ने राज्य में सत्तारूढ़ एलडीएफ सरकार पर भी हमला करते हुए कहा कि उसकी नीतियां संघ परिवार के समान है जो किसी भी आलोचना करने वाले या सवाल करने वाले को दबाने का प्रयास करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि स्वतंत्र सोच के साथ-साथ निजी स्वतंत्रता, राज्य के साथ-साथ देश में भी खतरे में है। उन्होंने यह भी कहा कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन जिस तरह के आरोपों का सामना कर रहे हैं, वह देश के किसी भी मुख्यमंत्री के खिलाफ कभी नहीं लगाए गए और अगर केंद्र की भाजपा नीत सरकार का समर्थन नहीं होता तो उन्हें इस्तीफा देना पड़ता।
"ध्यान भटकाने के लिए राहुल गांधी के कार्यालय में तोड़फोड़"
सुधाकरन ने यह भी कहा कि विजयन पर लगे आरोपों से ध्यान हटाने के लिए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के वायनाड कार्यालय में तोड़फोड़ की गई और उसके बाद कथित तौर पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के मुख्यालय ए के जी सेंटर पर हमला किया गया। राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी डी सतीशन ने कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से कहा कि जिला कांग्रेस कमेटी (डीसीसी) से बूथ स्तर तक नेतृत्व का फैसला अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की समय-सीमा के अनुसार किया जाएगा। सुधाकरन और सतीशन के अलावा, सांसद दिग्विजय सिंह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर, पूर्व नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्नीथला, पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी और पार्टी के कई अन्य सांसदों ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
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