PM नरेंद्र मोदी का मुरीद हुआ 'ड्रैगन', चीनी मीडिया ने प्रधानमंत्री की शान में पढ़े कसीदे
चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स में लिखे एक लेख में फुडन यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर साउथ एशियन स्टडीज के डायरेक्टर झांग जियाडोंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है।
नई दिल्ली: आमतौर पर भारत के खिलाफ बयानबाजी करने वाले चीन ने हाल के वर्षों में पहली बार भारत का लोहा माना है। चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने PM मोदी की तारीफ करते हुए लिखा है कि भारत एक आत्मविश्वास से भरा देश है जो अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तेजी से आगे बढ़ रहा है। ग्लोबल टाइम्स में फुडन यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर साउथ एशियन स्टडीज के डायरेक्टर झांग जियाडोंग ने लिखा है कि भारत आर्थिक और सामाजिक विकास के साथ-साथ कूटनीति के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने आगे लिखा है कि भारत ने आर्थिक विकास और सोशल गवर्नेंस में शानदार नतीजे हासिल किए हैं।
पीएम मोदी की जमकर की तारीफ
ग्लोबल टाइम्स में लिखा गया है, ‘तीव्र आर्थिक और सामाजिक विकास के साथ-साथ भारत अब रणनीतिक रूप से अधिक आश्वस्त हो गया है। भारत अब नेरेटिव बनाने और उसे विकसित करने में ज्यादा सक्रिय हो गया है। जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभाली है, उन्होंने अमेरिका, जापान, रूस और अन्य देशों और क्षेत्रीय संगठनों के साथ भारत के संबंधों को बढ़ावा देने के लिए मल्टी अलायनमेंट स्ट्रेटेजी की वकालत की है। विदेश नीति को लेकर भी भारत की रणनीतिक सोच में बदलाव आया है और वह अब एक ज्यादा ताकतवर रणनीति की ओर बढ़ रहा है। रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत ने खुद को पश्चिम से दूर करके विकासशील देशों के साथ जोड़ लिया।
’सपने से हकीकत की ओर बढ़ा भारत’
जियाडोंग ने अपने लेख में आगे लिखा है, ‘मैंने हाल ही में दो बार भारत का दौरा किया था। इस दौरान मैंने पाया कि भारत की घरेलू और विदेशी स्थिति काफी बदल गई है। भारत ने इकोनॉमिक डिवेलपमेंट और सोशल गवर्नेंस में बढ़िया रिजल्ट हासिल किए हैं। भारत की पावर स्ट्रेटेजी सपने से हकीकत की ओर बढ़ गई है। इसकी अर्थव्यवस्था ने गति पकड़ ली है। इस बीच नई दिल्ली ने भी अर्बन गवर्नेंस में प्रगति की है। यहां धुंध अभी भी गंभीर है, लेकिन विमान से उतरते वक्त पहले जो गंध महसूस होती थी, वह अब गायब हो गई है। इससे पता चलता है कि नई दिल्ली में पर्यावरण भी बेहतर हुआ है।
‘भारत अब विश्व गुरु बनना चाहता है’
जियाडोंग ने लिखा है, ‘राजनीतिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में भारत पश्चिम के साथ अपनी लोकतांत्रिक सहमति पर जोर देने से आगे बढ़ चुका। भारत अब राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से विश्व गुरू बनना चाहता है। भारत अब अपनी सांस्कृतिक परंपरा को न केवल अपने हितों को प्राप्त करने और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के प्रतीक के रूप में देखता है, बल्कि अब वह इसे एक महान शक्ति के रूप में भी देखता है। भारत सदैव अपने आप को विश्व शक्ति मानता आया है।