Chicken Tandoori Row: संसद में हंगामे को लेकर निलंबित 27 सांसदों का धरना शुक्रवार को खत्म हो गया लेकिन इसके बाद निलंबति सांसद बीजेपी के निशाने पर आ गए हैं। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सांसद प्रदर्शन के नाम पर पार्टी कर रहे थे। उन्होंने गांधी जी की प्रतिमा के नीचे बैठकर चिकन खाया जा रहा था। राज्यसभा से अपने निलंबन के खिलाफ संसद भवन परिसर में गांधी मूर्ति के पास 50 घंटे के लिए धरना दे रहे विपक्षी सांसदों के वहां चिकन खाने की खबरों के बाद नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा ने इन सांसदों पर सवाल खड़ा करते हुए इनसे पूछा है कि जनता ने इन्हें किस लिए चुन कर भेजा हैं- चर्चा के लिए या चिकन के लिए?
'जनता ने किसलिए चुन कर भेजा- चर्चा के लिए या चिकन खाने के लिए?'
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इन सांसदों पर अहिंसा के साधक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान करने का आरोप लगाते हुए पूछा कि गांधीजी की मूर्ति के सामने बैठकर चिकन की दावत करने वाले सांसदों को यह बताना चाहिए कि जनता ने इन्हें किसलिए चुन कर भेजा हैं- चर्चा के लिए या चिकन खाने के लिए? इससे पहले जोशी ने ट्वीट कर इन सांसदों की आलोचना करते हुए यह भी कहा कि, खबर आ रही है कि अहिंसा के साधक गांधी जी की प्रतिमा के नीचे कांग्रेस के नेता धरना के नाम पर बैठकर चिकन खा रहे हैं। जनता के मुद्दों पर चर्चा तो दूर देश की महान विभूतियों का अपमान करना कांग्रेस की आदत बन गया हैं।
'यह विरोध था या तमाशा और पिकनिक?'
पार्टी नेता शहजाद पूनावाला ने कहा, 'मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक संसद में गांधी मूर्ति के सामने प्रदर्शन कर रहे कुछ निलंबित सांसदों ने 'तंदूरी चिकन' खाया है। सभी जानते हैं कि गांधीजी पशुओं के वध पर कट्टर विरोधी विचार रखते थे। कई लोगों का पूछना है कि यह विरोध था या तमाशा और पिकनिक?'
'हम जानते हैं बीजेपी-RSS बाहर क्या कहते हैं और अकेले में क्या खाते हैं'
वहीं, आपको बता दें कि निलंबित सांसदों में से एक टीएमसी की सुष्मिता देव ने इन आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा, 'यह झूठ है। महंगाई के चलते सरकार के नेता और मंत्री विचलित हो गए हैं उनके पास कोई जवाब नहीं है, इसलिए यह प्रोपेगेंडा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, RSS के लोग और मंत्री बंद दरवाजों के अंदर सबकुछ खाते हैं इसलिए हमारे खाने पर टिप्पणी ना करें।' उन्होंने यह भी कहा कि 'वे ये भी बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं कि खाना हमारे घर से नहीं मंगाया गया था, बल्कि दूसरे सांसदों के यहां से आया था। वे इस एकजुटता से डरते हैं। हम जानते हैं कि बीजेपी-आरएसएस बाहर क्या कहते हैं और अकेले में क्या खाते हैं।'
बता दें कि, राज्यसभा से निलंबित होने के बाद विरोध जताते हुए निलंबित सांसद 27 अप्रैल को संसद भवन में गांधी प्रतिमा के पास धरने पर बैठ गए थे। उन्होंने 50 घंटे तक धरना देने का ऐलान किया था। इस धरने के दौरान अलग-अलग सांसद उनके ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर की व्यवस्था कर रहे थे लेकिन इसमें चिकन तंदूरी खाने को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है।
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