Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ विधानसभा में राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी द्वारा कांग्रेस के नेतृत्व वाली भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ लाए अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार को देर रात तक बहस हुई । भाजपा ने कहा है कि यह सरकार जनता का विश्वास खो चुकी है। विधानसभा में बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान विपक्ष के सदस्यों ने कांग्रेस सरकार पर उसकी 'अंदरूनी लड़ाई', कथित भ्रष्टाचार और चुनावी वादों को पूरा न करने को लेकर निशाना साधा। वहीं सत्ताधारी दल ने आरोपों को नकारते हुए दावा किया कि विपक्ष किसी ठोस मुद्दे के साथ अविश्वास प्रस्ताव को पेश करने में विफल रहा है।
विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना
राज्य विधानसभा के छह दिवसीय मॉनसून सत्र के अंतिम दिन दोपहर करीब 12 बजकर 15 मिनट पर अविश्वास प्रस्ताव पर बहस शुरू हुई। सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर देर रात तक चर्चा जारी रही। विधानसभा में विपक्ष के नेता धरमलाल कौशिक ने सदन में आरोप पत्र पेश किया। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करते हुए भाजपा के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार के एक मंत्री ने मुख्यमंत्री पर अविश्वास व्यक्त किया है और प्रशासन को भी सरकार पर भरोसा नहीं है। अग्रवाल ने कहा, ''मुख्यमंत्री ने उस मंत्री को निष्कासित क्यों नहीं किया? मुख्यमंत्री की हिम्मत नहीं है। यहां तक कि मंत्री में भी हिम्मत नहीं है और वह कैबिनेट में बने रहना चाहते हैं।''
कर्ज में डूबा है राज्य: बीजेपी
भाजपा विधायक अग्रवाल मंत्री टीएस सिंहदेव के संबंध में कह रहे थे। सिंहदेव ने इस महीने की 16 तारीख को पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि उनके पास चार अन्य विभाग अभी भी हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भेजे त्यागपत्र में सिंहदेव ने कहा था, '' जन-घोषणा पत्र के विचारधारा के अनुरूप महत्वपूर्ण विषयों को दृष्टिगत रखते हुए, मेरा यह मत है कि विभाग के सभी लक्ष्यों को समपर्ण भाव से पूरा करने में वर्तमान परिस्थितियों में स्वयं को असमर्थ पा रहा हूं। अतएव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के भार से मैं अपने आप को पृथक कर रहा हूं।'' मंत्री सिंहदेव मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में अनुपस्थित रहे हैं। अग्रवाल ने कहा कि खराब वित्तीय प्रबंधन के कारण राज्य 1.75 लाख करोड़ रुपए के कर्ज में डूबा हुआ है।
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