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Hindi News भारत राजनीति Champawat By-election Result: अग्निपरीक्षा में सफल रहे पुष्कर सिंह धामी, 54 हजार से ज्यादा वोटों से चंपावत उपचुनाव जीते

Champawat By-election Result: अग्निपरीक्षा में सफल रहे पुष्कर सिंह धामी, 54 हजार से ज्यादा वोटों से चंपावत उपचुनाव जीते

Champawat By-election Result: मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए पुष्कर सिंह धामी का यहां से जीतना बहुत जरूरी था। इस सीट पर मुख्यमंत्री धामी का मुख्य मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार निर्मला गहतोड़ी के बीच था।

Pushkar Singh Dhami- India TV Hindi Image Source : PTI Pushkar Singh Dhami

Highlights

  • चंपावत विधानसभा सीट के लिए 30 मई को हुआ था मतदान
  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए चुनाव जीतना जरूरी था
  • विधानसभा चुनाव में खटीमा सीट हार गए थे धामी

Champawat By-election Results : उत्तराखंड के चंपावत विधानसभा सीट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने 54 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से चुनाव जीत लिया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए पुष्कर सिंह धामी का यहां से जीतना बहुत जरूरी था। इस सीट पर मुख्यमंत्री धामी का मुख्य मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार निर्मला गहतोड़ी के बीच था। 

31 मई को हुआ था मतदान

चंपावत विधानसभा में उपचुनाव के तहत 31 मई को मतदान हुआ था। इस उपचुनाव में लगभग 64 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। यह उपचुनाव मुख्यमंत्री धामी और भाजपा के लिए कितना ज्यादा महत्वपूर्ण था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्रियों स्मृति ईरानी एवं अनुराग ठाकुर, पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी , प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों एवं धामी मंत्रिमंडल के वरिष्ठ मंत्रियों सहित पार्टी के दिग्गज नेताओं को प्रचार के लिए चुनावी मैदान में उतार दिया था।

खटीमा सीट हार गए थे धामी

दरअसल, राज्य में इसी वर्ष हुए विधानसभा के आम चुनाव में 70 में से 47 सीटें जीतकर भाजपा ने एक नया रिकॉर्ड तो बना लिया था लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं अपने विधानसभा क्षेत्र खटीमा से हार गए थे। इस हार के बावजूद पार्टी आलाकमान ने उन पर भरोसा जताते हुए , उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री बनाया। धामी ने 23 मार्च को लगातार दूसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उन्हें 6 महीने के अंदर विधायक बनना है, इसलिए चंपावत विधानसभा का उपचुनाव उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर काफी महत्वपूर्ण हो गया था। (इनपुट-एजेंसी)

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