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ओबीसी लिस्ट को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट का फैसला, जेपी नड्डा बोले- तुष्टीकरण को बढ़ा रही इंडी गठबंधन

कलकत्ता हाईकोर्ट ने साल 2010 के बाद से जारी सभी ओबीसी लिस्ट को रद्द कर दिया है। इसके बाद से राजनीति तेज हो गई है। इस बीच अब जेपी नड्डा ने बयान जारी करते हुए कहा है कि ममता बनर्जी की सरकार गैर संवैधानिक तरीके से तुष्टीकरण की नीति को आगे बढ़ा रही है।

Calcutta High Court canceled OBC list JP Nadda said there will be no reservation on the basis of rel- India TV Hindi Image Source : PTI जेपी नड्डा बोले- तुष्टीकरण को बढ़ा रही इंडी गठबंधन

पश्चिम बंगाल की कलकत्ता हाईकोर्ट ने ओबीसी सर्टिफिकेट को लेकर को लेकर बड़ा फैसला लिया है। दरअसल बीते दिनों हाईकोर्ट ने बंगाल में साल 2010 के बाद से जारी ओबीसी लिस्ट को रद्द कर दिया है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि अब कोई भी नए प्रमाणपत्र जारी नहीं किए जाएंगे। बता दें कि जिन लोगों को इस लिस्ट के जरिए नौकरी मिली थी, उसपर इसका कुछ असर नहीं होगा। इस बाबत लगातार बयानबाजी हो रही है। इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि ये दोनों ही जो फैसले हैं, वो बताते हैं कि ममता बनर्जी की सरकार गैर-संवैधानिक तरीके से तुष्टीकरण की नीति को आगे बढ़ा रही थी।

तुष्टीकरण को बढ़ावा दे रही इंडी गठबंधन

उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस चुनाव में बड़े ही स्पष्ट शब्दों में इस विषय को उठाया है कि किस तरीके से इंडी गठबंधन, ममता बनर्जी, राहुल गांधी और बाकी सारे टोला, घमंडिया गठबंधन के तहत तुष्टीकरण करने के साथ-साथ संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं। संविधान में साफ लिखा है कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होगा, जिस मुस्लिम लीग के कारण भारत का विभाजन हुआ उसी को फिर से आगे बढ़ाने का काम ये सारा घमंडिया गठबंधन  कर रहा है। ममता बनर्जी संविधान की रक्षा की शपथ लेते हुए मुख्यमंत्री बनी हैं और संविधान से ऊपर कोई भी नहीं है।"

ओबीसी आरक्षण खत्म होने पर क्या बोले जेपी नड्डा

जेपी नड्डा ने कहा कि राहुल गांधी संविधान की पुस्तिका लेकर फिरते रहते हैं। लेकिन ऐसे मुद्दों पर जब हाईकोर्ट का फैसला आ जाता है और मुस्लिम तुष्टीकरण का पर्दाफाश होता है, तो ये चुप्पी साधते हैं। ऐसे लोगों को इस चुनाव में भारत की जनता और पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल की जनता सबक सिखाएगी। बता दें कि बंगाल में ओबीसी सूची के जरिए जिन लोगों को नौकरी दी गई है, उनके ऊपर इसका कोई असर नहीं होगा। यानी उनकी नौकरी बरकरार रहेगी। न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथर की खंडपीठ ने बुधवार को यह फैसला सुनाया है। 

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