राजस्थान के चूरू जिले में स्थित प्रसिद्ध सालासर बालाजी मंदिर के पास सुजानगढ़-सालासर मुख्य मार्ग पर स्थित राम दरबार की मूर्तियों वाले पत्थर के प्रवेश द्वार को आधी रात बाद ढहा दिया गया। राम दरबार लगी मूर्तियों वाला प्रवेश द्वार जेसीबी और बुलडोजर से तोड़े जाने का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल होने के साथ मामले में राजनेताओ की भी एंट्री हो चुकी है दरअसल पूरा मामला क्या है। आइए समझते है।
सालासर-सुजानगढ़ मार्ग को फोरलेन बनाने के लिए रोड को चौड़ा किया जाना है। इस मार्ग पर राम दरबार की मूर्तियों वाला पत्थर का एक भव्य प्रवेश गेट बना हुआ था। इस प्रवेश गेटे को मंगलवार की रात 15 मार्च को पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार ने जेसीबी की मदद से ढहा दिया। इस कार्य के लिये ना तो पहले से मूर्तियों को हटाया गया और ना ही हिन्दू संगठनों को जानकारी दी गई। जिसके बाद लोगो ने धरना प्रदर्शन भी किया। बीजेपी ने दावा किया है कि सरकार की शह पर प्रशासन ने गेट को राम दरबार के साथ गिरा दिया.
भाजपा के राष्ट्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने भी इस मामले में ट्वीट कर गेहलोत सरकार पर साधा निशाना अमित मालवीय ने कहा "पहले मुग़ल थे। अब कांग्रेस" इसी बीच इस मामले पर वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा राजस्थान के ट्वीटर हैंडल से इसे ट्वीट किया गया। ट्वीट में लिखा गया कि सुजानगढ़ में गहलोत सरकार की निशाचरी करतूत! अंधेरी रात में भगवान राम व उनके द्वार की मूर्तियों पर गहलोत सरकार ने चलाया बुलडोजर। अशोक गहलोत जी, नहीं भूलेंगे हम।
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने भी रविवार को ये वीडियो अपने ट्विटर पर जारी किया और लिखा कि प्रभु श्रीराम को काल्पनिक बताने वाली कांग्रेस अपना अस्तित्व खतरे में देख मंदिर जाने का दिखावा करने लगी पर असलियत छिपाए नहीं छिपती। सुजानगढ़ में प्रवेश गेट को गिराते हुए यह ध्यान नहीं रखा गया कि वहां राम दरबार बना हुआ है। इस तरीके को कौन सच्चा हिंदू स्वीकार करेगा?
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