A
Hindi News भारत राजनीति अर्थव्यवस्था की चुनौतियों से निपटने में विफल है बजट, जनता खारिज करेगी: चिदंबरम

अर्थव्यवस्था की चुनौतियों से निपटने में विफल है बजट, जनता खारिज करेगी: चिदंबरम

चिदंबरम ने कहा, इस बजट भाषण में गरीबों और 2 साल में पीड़ा झेलने वालों की नकदी के जरिये मदद करने के लिए कुछ नहीं कहा गया।

Chidambaram, Chidambaram on Budget, Chidambaram on Budget 2022- India TV Hindi Image Source : PTI FILE कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम।

Highlights

  • आज का बजट भाषण किसी भी वित्त मंत्री की ओर से पढ़ा गया अब तक सबसे ज्यादा पूंजीवादी भाषण था: पी. चिदंबरम
  • चिदंबरम ने कहा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पूंजीवादी अर्थशास्त्र के शब्दजाल में महारत हासिल कर चुकी हैं।
  • चिदंबरम के अनुसार, वित्त मंत्री ने महंगाई पर काबू करने और मध्य वर्ग को कर में राहत देने के बारे में भी कुछ नहीं कहा।

नयी दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने मंगलवार को कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट अर्थव्यवस्था के समक्ष पेश बड़ी चुनौतियों से निपटने में विफल है और सरकार इसे बहुमत के बल पर संसद में भले ही पारित करा ले, लेकिन जनता इसे खारिज कर देगी। पूर्व वित्त मंत्री ने यह आरोप भी लगाया कि आज का बजट भाषण किसी भी वित्त मंत्री की ओर से पढ़ा गया अब तक सबसे ज्यादा पूंजीवादी भाषण था और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पूंजीवादी अर्थशास्त्र के शब्दजाल में महारत हासिल कर चुकी हैं।

‘चुनौतियों से निपटने में विफल है यह बजट’
चिदंबरम ने बजट में दिए गए आंकड़ों तथा अर्थव्यवस्था की स्थिति, बेरोजगारी तथा कृषि की स्थिति से जुड़े आंकड़े रखते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने हर मुख्य योजना से जुड़ी सब्सिडी में कटौती की है। उन्होंने दावा किया कि यह बजट अर्थव्यवस्था के समक्ष खड़ी सभी बड़ी चुनौतियों से निपटने में विफल है। चिदंबरम ने कहा, ‘इस बजट भाषण में गरीबों और 2 साल में पीड़ा झेलने वालों की नकदी के जरिये मदद करने के लिए कुछ नहीं कहा गया।’

‘जीएसटी में कटौती को लेकर कुछ नहीं कहा’
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, ‘नौकरियों के सृजन के बारे में कुछ नहीं कहा गया, छोटे एवं मझोले उद्योगों में नयी जान डालने के बारे में एक शब्द नहीं बोला गया, कुपोषण एवं भूखमरी की स्थिति से निपटने के संदर्भ में कुछ नहीं कहा गया और अप्रत्यक्ष करों विशेषकर जीएसटी में कटौती को लेकर कुछ नहीं कहा गया।’ चिदंबरम के अनुसार, वित्त मंत्री ने महंगाई पर काबू करने और मध्य वर्ग को कर में राहत देने के बारे में भी कुछ नहीं कहा। उन्होंने कहा, ‘सरकार के पास विशाल बहुमत है और इसलिए वह इस बजट को संसद में पारित करा लेगी, लेकिन जनता इस पूंजीवादी बजट को नकार देगी।’

बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने का प्रस्ताव
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये खजाना खोलते हुए 39.45 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इसमें अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों को गति देने के उद्देश्य से राजमार्गों से लेकर सस्ते मकानों के लिए आवंटन बढ़ाया गया है। वित्त मंत्री ने रोजगार सृजन और आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिए बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने का प्रस्ताव किया है, लेकिन आयकर स्लैब या कर दरों में बदलाव का प्रस्ताव नहीं किया है। (भाषा)

Latest India News