अमरोहा से लोकसभा सांसद दानिश अली को बहुजन समाज पार्टी ने सस्पेंड कर दिया है। इस बारे में बसपा के नेशनल जनरल सेक्रेटरी सतीश चंद्र मिश्रा ने इस बाबत एक पत्र जारी कर कहा दानिश अली के लिए कहा कि आपको अनेकों बार मौखिक रूप से कहा गया कि आप पार्टी की नीतियों, विचारधारा और अनुशासन के खिलाफ जाकर कोई बयानबाजी या काम ना करें लेकिन आप इसके बावजूद पार्टी के खिलाफ काम करते आ रहे हैं। इस पत्र में आखे लिखा गया कि पार्टी हित में आपको बसपा की सदस्यता से तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जा रहा है। इस मामले पर अब दानिश अली का बयान सामने आया है।
निलंबन पर दानिश अली ने दिया बयान
दानिश अली ने इस बाबत बयान जारी करते हुए कहा कि मुझे आज करीब साढ़े 4 बजे सूचना मिली कि मुझे मेरे पार्टी कार्यालय से और पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। मैं इतना ही कहूंगा कि मैं बहन मायावती का हमेशा शुक्रगुजार रहूंगा कि उन्होंने मुझे सांसद बनने में मदद की। उन्होंने कहा, 'मुझे सदन का नेता भी बनाया, आज का उनका फैसला जरूर दुर्भाग्यपूर्ण है। ये मेरी अमरोहा की जनता जानती है। चंद पूंजीपतियों के खिलाफ मैंने आवाज उठाई। अगर ये मेरा जुर्म है तो मैं ये जुर्म करता रहूंगा। देश के एयरपोर्ट, देश के बंदरगाह ये सब चंद पूजीपंतियों के हाथ में दिया हुआ है। यही बात मैंने की है।'
दानिश अली बोले- मुझे विचारधार पर गर्व है
दानिश अली ने बयान जारी करते हुए कहा कि मैंने कई बिल जैसे तीन तलाक, धारा 370 जैसे मामलों पर अपनी बात रखी है। उसका खामियाजा ये रहा कि मुझे सदन के नेता के रूप में हटा दिया गया है। मुझे अपनी विचारधारा पर गर्व है। बता दें कि इससे पहले दानिश अली तब सुर्खियों में आए थे, जब 21 सितंबर को भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने सदन में अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दानिश लगातार कांग्रेस के करीब जाते दिख रहे थे। इस कारण बसपा सुप्रीमों मायावती द्वारा दानिश अली को पार्टी से निकालने की ये भी अहम वजह मानी जा रही है।
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