बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में हार के बाद बीजेपी ने अब सख्त एक्शन लेने के मूड में है। पार्टी आलाकमान अब उन सभी नेताओं को किनारे लगाने की तैयारी कर रहा है, जिनके ऊपर कर्नाटक विजयी की जिम्मेदारी थी। इस क्रम में पहला एक्शन राज्य अध्यक्ष नलिन कुमार कतील के ऊपर हो सकता है। सूत्रों के अनुसार पार्टी आलाकमान जल्द ही नलिन को जिम्मेदारी से हटा सकती है। सूत्रों के अनुसार चुनाव से पहले केंद्रीय आलाकमान के प्रिय नलिन की राह चुनाव परिणामों ने पूरी तरह बदल दी है।
Image Source : FILEबीजेपी प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील
आलाकमान स्थिति का आकलन नहीं कर पाने के कारण उनसे पूरी तरह खफा है। हालांकि, भाजपा शुरुआत में मजबूती दिखा रही थी, लेकिन वह राज्य में अस्तित्व के संकट का सामना कर रही है। सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस ने आक्रामक तरीके से लिंगायत, दलित और ओबीसी वोट बैंक पर कब्जा कर लिया और वह लोकसभा चुनाव के लिए जमीन तैयार कर रही है। परिणामों से पता चला है कि वोक्कालिगा समुदाय डीके शिवकुमार के साथ चल गया। अल्पसंख्यक और दलित सिद्धारमैया के साथ हैं, और लिंगायत समुदाय के लिए पार्टी की पहुंच के साथ कांग्रेस में स्थानांतरित हो गए हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले नई शुरुआत चाहती है पार्टी
अगले वर्ष ही लोकसभा चुनाव हैं और उससे पहले पार्टी इन चुनावों में हुए नुकसान को पाटना चाहती है। इस कायाकल्प की दिशा में पहले कदम के रूप में भाजपा ने एक नया चेहरा नियुक्त करने का फैसला किया है, जो जनता से अपील कर सके। वहीं केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि आलाकमान विपक्ष के नेता पर फैसला करेगा और पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष भी नियुक्त करेगा। उन्होंने कहा कि कतील का कार्यकाल समाप्त हो गया है। चुनाव के चलते आलाकमान ने उन्हें नहीं हटाया। उन्होंने कहा कि अब नए उम्मीदवार की नियुक्ति की जाएगी।
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