अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर इंडी गठबंधन के दलों द्वारा दिल्ली के रामलीला मैदान में लोकतंत्र बचाओ रैली की जा रही है। इस बाबत भाजपा नेताओं द्वारा लगातार बयान दिया जा रहा है। इस रैली को लेकर भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि भ्रष्टाचारियों का एक बड़ा गिरोह रामलीला मैदान में खड़ा होकर अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर रो रहा होगा। ये नजारा उसी जगह पर हो रहा होगा जहां कभी अरविंद केजरीवाल ने खड़े होकर इन सभी लोगों को भ्रष्टाचारी कहा था और इनकी गिरफ्तारी की मांग की थी। कांग्रेस और अन्य पार्टियों के वरिष्ठ नेता अंदर ही अंदर मुस्कुरा रहे होंगे। वहां खड़ा गैंग यही सोच रहा होगा अरविंद केजरीवाल के साथ जो कुछ भी हो रहा है वह बिल्कुल सही है।
रविशंकर प्रसाद ने दिया बयान
इस रैली को लेकर भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि रैली करने पर कोई रोक नहीं है। लेकिन सभा कौन कर रहा है? जो लोग भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं, जो जनता का पैसा लूटने के आरोप में जेल में हैं। ईमानदारी का चोला पहनकर नई तरह की राजनीति करने की बात कहने वाले अब जेल से सरकार चलाने की बात कर रहे हैं। सुना है कि लालू यादव के नक्शे कदम पर चलते हुए केजरीवाल अपनी पत्नी को सीएम बनाना चाहते हैं। ऐसे लोग पीएम मोदी की ईमानदार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। लोग उनकी बात सुनने वाले नहीं हैं। 4 जून को सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।
कोर्ट के खिलाफ हैं आप?
इस रैली को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि यह 'रैली' देश के विकास के लिए नहीं है। यह भ्रष्ट लोगों को भ्रष्टाचार में शामिल होने देने के लिए है। देश के लोग सब कुछ समझते हैं। ये सभी सदस्य भ्रष्टाचार में शामिल रहे हैं। जहां भी भ्रष्टाचार है , राष्ट्र के विकास से समझौता किया जाता है, और गरीब प्रभावित होते हैं। वहीं भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इस बाबत बयान देते हुए कहा कि अगर कोर्ट आपको राहत नहीं दे रहा है, तो क्या इसका मतलब यह है कि कोर्ट आपके खिलाफ है? यह लोकतंत्र बचाना नहीं है, वे बचाने की कोशिश कर रहे हैं अपने-अपने भ्रष्टाचार। इसलिए सभी भ्रष्टाचारी एक साथ आ रहे हैं और भ्रष्टाचार के खिलाफ हो रही जांच के खिलाफ नारे लगा रहे हैं।
सुधांशु त्रिवेदी बोले- परिवार बचाओ है यह
इस मेगा रैली को लेकर भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने बयान देते हुए कहा कि वे पार्टियां, जो पिछले 30-40 वर्षों से पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबी हुई थीं, जो पारिवारिक जागीर द्वारा नियंत्रित थीं और जिनकी राजनीति का मूल सामान्य कार्य सांप्रदायिक, क्षेत्रीय, भाषाई विभाजन और जाति विभाजन पैदा करना था और कोशिश करते थे सत्ता छीनें और फिर अपने परिवार के हित के लिए अपनी तिजोरियां भरें। अब वे लोकतंत्र बचाओ का हौव्वा खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन सच तो यह है कि यह 'लोकतंत्र बचाओ' नहीं, 'परिवार बचाओ' है और भ्रष्टाचार छुपाओ।
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