कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव हर दिन नई सुर्खियां बना रहा है। खबरें बनें भी क्यों ना, एक तो देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी और ऊपर से उसके सर्वोच्च पद पर नियुक्ति का चुनाव। कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर दशकों बाद कोई गैर-गांधी बैठेगा। लेकिन एक गैर-गांधी को पार्टी की कमान देने के चक्कर में कांग्रेस की कमजोरियां जगजाहिर हो गईं। राजस्थान से उठे गहलोत विवाद के बाद अब मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर ने पार्टी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरा है। लेकिन इस रेस में मल्लिकार्जुन खड़गे के उतरने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि वह एक "कठपुतली" साबित होंगे और "रिमोट" से नियंत्रित होंगे।
"वह युवा हैं, ऊर्जावान हैं..."
भाजपा की अईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने एक ट्वीट में कहा, "अस्सी की उम्र में मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के लिए प्रेरक पसंद हैं। वह युवा हैं, ऊर्जावान हैं और कांग्रेस को अपने पुनरुद्धार के लिए जिसकी जरूरत है उसके अनुरूप हैं। उन्हें मनमोहन सिंह (पूर्व प्रधानमंत्री) से 'रिमोट कंट्रोल से संचालित' होने के तौर-तरीकों को अपना लेना चाहिए। इससे सब कुछ सुलझ जाएगा।" कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पार्टी के अधिकतर वरिष्ठ नेता खड़गे के समर्थन में हैं। ऐसा माना जा रहा है कि उन्हें गांधी परिवार का समर्थन हासिल है। हालांकि, गांधी परिवार ने इस चुनाव में तटस्थ भूमिका में रहने की बात कही है।
"खड़गे के लिए मैच फिक्स है?"
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक ट्वीट में कहा, "गहलोत (राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत) के परिवार (गांधी परिवार) का साथ खोने के बाद अब 80 साल मल्लिकार्जुन खड़गे को रिमोट से नियंत्रित ‘कठपुतली’ के रूप में चुना गया है, जिन्हें कांग्रेस के आधिकारिक उम्मीदवार के रूप में भी देखा जा रहा है। उनके नामांकन के मुकाबले थरूर का नामांकन फीका रहा। क्या आपको नहीं लगता कि यह मैच खड़गे के लिए फिक्स है?" गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "क्या कोई यकीन कर सकता है कि यह निष्पक्ष व स्वतंत्र चुनाव है, जिसमें परिवार अपने उम्मीदवार के निर्वाचन के लिए प्रयासरत है। जिस प्रकार मनमोहन सिंह चेहरा थे और उन्हें प्रधानमंत्री पद की उपाधि दी गई थी, उसी प्रकार की प्रक्रिया यहां अपनाई जा रही है।"
खड़गे के राज्यसभा पद पर सवाल
पूनावाला ने गांधी परिवार पर आरोप लगाया कि वे एक व्यक्ति, एक पद के आधार पर गहलोत को राजस्थान के मुख्यमंत्री पद से हटाना चाहते थे, वह भी उस वक्त जब उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष पद पर उनके सबसे पसंदीदा उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा था। उन्होंने कहा, "लेकिन खड़गे के लिए अपवाद रखा गया है। क्या उन्होंने नामांकन से पहले राज्यसभा में विपक्ष के नेता पद से इस्तीफा दे दिया है?"
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