नई दिल्ली: कोर्ट ने 4 मार्च तक के लिए मनीष सिसोदिया को सीबीआई कस्टडी में सौंप दिया है, शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया का नाम आने पर बीजेपी लंबे समय से सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया के इस्तीफे की मांग कर रही थी। सीबीआई द्वारा मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद उनके इस्तीफे की मांग ने जोर पकड़ लिया था और अरविंद केजरीवाल के पास दिल्ली सरकार के 22 मंत्रालय को चलाने का संकट भी साफ दिख रहा था। आज मनीष सिसोदिया ने अपना इस्तीफा दे दिया।
गौरतलब है कि दिल्ली के शराब घोटाला मामले में मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने एक दिन पहले 8 घंटे तक पूछताछ करने के बाद 26 फरवरी की देर शाम गिरफ्तार कर लिया था। सीबीआई ने 27 फरवरी को सिसोदिया का पहले मेडिकल टेस्ट कराया उसके बाद उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने 4 मार्च तक के लिए मनीष सिसोदिया को सीबीआई कस्टडी में सौंप दिया है।
मनीष सिसोदिया के पास शिक्षा और पीडब्ल्यूडी सहित 22 मंत्रालय हैं। 22 मंत्रालय को चलाने का संकट भी केजरीवाल के सामने था, जिनमें से शिक्षा मंत्रालय, पीडब्ल्यूडी मंत्रालय और बहुत से अहम मंत्रालय मनीष सिसोदिया ही देख रहे थे। इनको कैसे चलाया जाएगा बीजेपी लगातार सवाल पूछ रही थी। बीजेपी लगातार सिसोदिया के इस्तीफे की मांग भी कर रही थी।
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बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्वीट कर कहा कि सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया ने इस्तीफा तभी दिया जब कोई सहारा नहीं बचा, आज आप के पास कोई नैतिक अधिकार नहीं बचा है, यह मजबूरी का फैसला था, एक निर्णय जो बहुत कम और बहुत देर से हुआ है - घाटे में कटौती का निर्णय जब जांच की आंच सीएम केजरीवाल के पास आ रही है।
सिसोदिया के इस्तीफे से पहले दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता हरीश खुराना ने कहा था कि अब सवाल ये उठता है कि दिल्ली सरकार के 22 मंत्रालय क्या अब जेल से चलेंगे। इन 22 मंत्रालय में शिक्षा मंत्रालय, पीडब्ल्यूडी मंत्रालय तमाम ऐसे खास मंत्रालय हैं। संवैधानिक संकट पैदा हो गया है। अरविंद केजरीवाल कहते थे मेरे खिलाफ एक सबूत लाकर दीजिए मैं तुरंत कार्रवाई करूंगा आज आपका एक मंत्री सत्येंद्र जैन जेल में है, और दूसरा मंत्री सीबीआई कस्टडी में है। दिल्ली सरकार के 22 मंत्रालय का विभाग अब किसके पास आएगा जेल से तो मंत्रालय चल नहीं सकते, इसलिए अब आपको देखना होगा कि अरविंद केजरीवाल कब मनीष सिसोदिया का इस्तीफा लेते हैं।
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