Bihar Politics: शिवसेना ने दावा किया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने बीजेपी से नाता तोड़कर तूफान खड़ा कर दिया है और अगर यह तूफान चक्रवात में बदल जाए तो 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के लिए चुनौती बन सकता है। शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में एक संपादकीय में नीतीश कुमार की प्रशंसा करते हुए कहा गया कि बीजेपी ने उनकी पार्टी JDU को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने बीजेपी के साथ संबंध तोड़कर पलटवार किया। वहीं, हाल ही में जेडीयू छोड़ने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह (RCP) को बिहार का 'शिंदे' बताकर तंज कसा है।
'नीतीश ने भाजपा को धोबी पछाड़ देने वाली पलटी मारी'
मराठी दैनिक ने लिखा- ''बिहार में एक बार फिर राजनीतिक उथल-पुथल हुई है। बिहार में भी महाराष्ट्र की ही तरह 'शिंदे' गुट अलग करके भाजपा के दिल्लीश्वर नीतीश कुमार को मात देने की साजिश रच रहे थे। उसके लिए नीतीश कुमार के 'शिंदे' आरसीपी सिंह को मोहरा बनाकर खात्मे का खेल शुरू ही किया गया था, लेकिन नीतीश कुमार ने भाजपा को ही धोबी पछाड़ देने वाली पलटी मारी।''
तेजस्वी को बताया बिहार का "युवा और लोकप्रिय" नेता
संपादकीय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर भी निशाना साधा, जिन्होंने जून में शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी। उन पर तंज कसते हुए कहा गया है कि उन्होंने दिल्ली के सामने ‘‘घुटने टेक दिए।’’ संपादकीय में कहा गया है कि उन्हें (शिंदे को) यह समझना चाहिए कि नीतीश कुमार ने दिखा दिया कि वह इसके बिना जीवित रह सकते हैं। शिवसेना ने आगे कहा कि कुमार और RJD के संस्थापक लालू प्रसाद के बीच की दरार अब खत्म होनी चाहिए। संपादकीय में लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव की भी प्रशंसा की गई है, जिन्होंने 2020 में राजद के विधानसभा चुनाव अभियान का नेतृत्व किया। अखबार ने, उन्हें बिहार का "युवा और लोकप्रिय" नेता बताया, जिन्होंने तत्कालीन भाजपा-जेडीयू गठबंधन को चुनौती दी थी।
लालू नीतीश के संबंधों में 4 दशकों में कई उतार-चढ़ाव
गौरतलब है कि राजद और जेडीयू 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में उतरे थे। नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के संबंधों में पिछले 4 दशकों में कई उतार-चढ़ाव देखे गए हैं। नीतीश कुमार ने मंगलवार को राजद से हाथ मिलाने के लिए भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) छोड़ दिया था। शिवसेना के संपादकीय में कहा गया है कि भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का समर्थन करके जेडीयू को अस्थिर करने की कोशिश की और यह महसूस करने के बाद नीतीश कुमार ने भाजपा से नाता तोड़ लिया।
'नया राजनीतिक गठजोड़ 2024 में रिजल्ट को बदल सकता है'
अखबार ने लिखा है “नीतीश कुमार ने तूफान खड़ा कर दिया है। अगर यह एक चक्रवात में बदल जाता है, तो यह भाजपा के लिए एक चुनौती बन सकता है।’’ इसने कहा कि समाजवादी नेता जय प्रकाश नारायण की भूमि बिहार में राजनीतिक क्रांतियों के नतीजे, पूरे देश में महसूस किए जाते हैं और राज्य में नया राजनीतिक गठजोड़ 2024 के लोकसभा चुनावों के परिणाम को बदल सकता है। बिहार से लोकसभा में 40 सांसद आते हैं, जो उत्तर प्रदेश (80), महाराष्ट्र (48) और पश्चिम बंगाल (42) के बाद चौथे स्थान पर है।
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