Bihar News: आखिरकार नीतीश कुमार से मुलाकात को लेकर प्रशांत किशोर ने दो दिन बाद अपनी चुप्पी तोड़ दी। पीके ने मुलाकात के बाद नीतीश कुमार के साथ एक बार फिर से JDU में शामिल होने के कयासों को खारिज किया। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की बात को सच बताया है। उन्होंने कहा कि हां दो दिन पहले नीतीश कुमार से मुलाकात हुई और कई मुद्दों पर चर्चा हुई। यह मुलाकात केवल सामाजिक, राजनीतिक और शिष्टाचार भेंट थी। इस दौरान हम दोनों किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे।
पीके ने नीतीश के सामने रखी ये शर्त
प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं अपने अभियान से पीछे नहीं हटूंगा। मेरी जनसुराज यात्रा चलती रहेगी। मैं राज्य के सभी लोगों से मिलूंगा और उन्हें बिहार के भविष्य को लेकर समझाऊंगा। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का साथ एक ही शर्त पर दूंगा यदि वे एक साल के भीतर 10 लाख बेरोजगार युवाओं को नौकरी दे देते हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को कई क्षेत्रों में सुधार करने की जरूरत है लेकिन बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है। नीतीश जब तक रोजगार के वादे को पूरा नहीं करते तब तक किसी भी कीमत पर साथ जाने के लिए नहीं सोचूंगा। मेरा जो लक्ष्य है उसे पूरा करने की कोशिश में लगा रहूंगा।
प्रशांत किशोर ने एक कविता की ट्वीट
वहीं,प्रशांत किशोर ने कुछ देर पहले ही रामधारी सिंह दिनकर की 'रश्मिरथी' की दो पंक्तियां पोस्ट की हैं। ट्वीट करते हुए लिखा कि तेरी सहायता से जय तो मैं अनायास पा जाऊंगा,आनेवाली मानवता को, लेकिन, क्या मुख दिखलाऊंगा? इस ट्वीट के बाद राजनीति के विशेषज्ञ सियासी अटकलें लगा रहें हैं।
ये मुलाकात रात में नहीं हुई- प्रशांत
पीके ने कहा, मेरी और नीतीश कुमार की मुलाकात कोई रात में नहीं हुई बल्कि 4.30 शाम में हुई और यह करीब 2 घंटे चली। मैंने जो सवाल उठाए हैं, जो रास्ता चुना हूं, उसपर कायम हूं। मुलाकात के दौरान हम दोनों ने एक दूसरे के सामने अपनी बातें रखीं लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला।
पीके ने कहा, ''दिल्ली में नीतीश कुमार ने कहा था कि प्रशांत किशोर को बिहार की एबीसी का ज्ञान नहीं है। मैंने उन्हें बताया कि जब तक बिहार में विकास का काम नहीं होगा, तब तक पार्टियों के मिलने जुड़ने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा''। प्रशांत किशोर ने कहा कि जब वे 1 साल में बिहार में 10 लाख लोगों को रोजगार दे तभी गठबंधन पर कोई बातचीत संभव है। उससे पहले कोई बात नहीं हैं। मैं अपने रास्ते पर कायम हूं।
'बिहार में शराबबंदी पूरी तरह से फेल'
पीके ने कहा कि सरकार के मुखिया तो नीतीश कुमार ही हैं और उनकी ही सारी जिम्मेदारी है। यह स्थिति बीते दो-ढाई सालों से बिगड़ रही है। उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरह से फेल है और इस पर दोबारा विचार करना चाहिए। पीके ने कहा कि यह बात मैंने नीतीश कुमार से भी बात कही है। जिन महिलाओं के सशक्तीकरण के नाम पर इसे लागू किया गया है, उन्हीं लोगों को इससे परेशानी हो रही है। जब किसी को पुलिस इस केस में पकड़ती है तो महिलाओं को ही तो थानों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि मेरी सलाह पर नीतीश कुमार ने यही कहा कि आप लोग आइए और साथ में काम करिए।
इस सवाल पर कि क्या पीएम मोदी के मुकाबले नीतीश कुमार खड़े हो सकते हैं? पीके ने कहा कि बिहार में हुआ बदलाव यहीं तक सीमित रहने वाली घटना है। इसका देश पर कोई असर नहीं होगा। आपस में नेताओं के मिलने से कुछ नहीं होता। बात तब बनेगी जब आप एक बेहतर नैरेटिव बनाएंगे या फिर कोई जनांदोलन खड़ा करेंगे। इनके बिना आप मिलकर मीडिया से बात करने से कुछ नहीं होगा।
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