पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से एक हजार करोड़ रुपये की मांग करते हुए कहा है कि अगर ये पैसे उन्हें नहीं मिलेंगे तो गठबंधन छोड़ देंगे। मांझी ने अपने क्षेत्र के विकास के लिए पैसों की मांग की है। जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) बिहार में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का सहयोगी दल है और सरकार में शामिल है। जीतन राम मांझी ने मंगलवार को गया जिले के इमामगंज प्रखण्ड में आयोजित एक सभा में लोगों को संबोधित करते हुए यह बात कही। मांझी इस इलाके से विधायक भी हैं।
उन्होंने कहा कि यह उनकी राजनीति की अंतिम पारी है। अंतिम पारी से जाने के पहले हम अपने क्षेत्र के विकास के लिए करना चाहते है और कई विकास कार्यो को किया भी है।हमे और ज्यादा संतुष्टि होगी और खुश होंगे। मांझी ने कहा-हमने अपने बेटे अनुसूचित जाति व जनजाति कल्याण मंत्री सन्तोष कुमार सुमन को एक हजार करोड़ रुपये का स्टीमेट बनाकर रखने को कहा है जिसमें क्षेत्र के विकास के लिए सैकड़ों योजनाएं शामिल हैं। अगर एक हजार करोड़ मिल गया तो इसी वितीय वर्ष से क्षेत्र में कई योजनाओं को शुरू किया जाएगा।
मांझी ने कहा कि इस काम के लिए सीएम नीतीश कुमार से एक हजार करोड़ रुपये देने को कहेंगे। मांझी ने कहा कि अगर नही दीजिएगा तो हम आपकी पार्टी में नहीं बल्कि गठबंधन में हैं, अगर कंहीं हम चमक गए तो आप समझ जाइएगा। हलांकि जीतन राम मांझी ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री उनकी बात मानते हैं, इसलिए उम्मीद है कि वे उनकी मांग मान लेंगे। आपको बता दें कि बिहार राजग में जदयू, भाजपा, हम और विकासशील इंसान पार्टी शामिल हैं। मांझी पहले भी नीतीश कुमार को अपना बागी तेवर दिखा चुके हैं।
आपको बता दें कि जीतन राम मांझी को नीतीश कुमार ने ही मुख्यमंत्री बनाया था। 2014 की मोदी लहर में पार्टी की हार के बाद नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा देते हुए जीतन राम मांझी को प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया था। हालांकि कुछ महीने बाद फिर जब नीतीश वापस सीएम बनना चाहते थे तो जीतन राम मांझी ने पद छोड़ने से इनकार कर दिया था। बाद में मजबूरन उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। फिर नीतीश ने सीएम का पद संभाला था। हालांकि इसके बाद जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार का साथ छोड़ दिया था। बाद में महागठबंधन के साथ भी जुड़े लेकिन अंत में फिर एनडीए का हिस्सा बने।
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