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Hindi News भारत राजनीति सुप्रीम कोर्ट से पंजाब के राज्यपाल को बड़ा झटका, जून में आयोजित हुए विधानसभा के सत्र को बताया वैध

सुप्रीम कोर्ट से पंजाब के राज्यपाल को बड़ा झटका, जून में आयोजित हुए विधानसभा के सत्र को बताया वैध

याचिका पर सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार की तरफ से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मौजूदा राज्यपाल के चलते विधानसभा का सत्र बुलाना असम्भव हो गया है।

सुप्रीम कोर्ट से पंजाब के राज्यपाल को बड़ा झटका - India TV Hindi Image Source : INDIA TV सुप्रीम कोर्ट से पंजाब के राज्यपाल को बड़ा झटका

नई दिल्ली: पंजाब में राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित और सरकार के बीच चल रही लड़ाई में सुप्रीम कोर्ट से गवर्नर को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल को फटकार लगते हुए कहा कि आप आग से खेल रहे हैं। पंजाब सरकार की तरफ से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि क्या राज्यपाल को इस बात का जरा सा भी अंदेशा है कि वह आग से खेल रहे हैं? 

'राज्यपाल सत्र को वैध मानते हुए लम्बित बिल पर फैसला लें'

चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर राज्यपाल को लगता है भी है कि बिल गलत तरीके से पास हुआ है तो उसे वापस विधानसभा अध्यक्ष को भेजना चाहिए। इसके साथ ही कोर्ट ने 19 और 20 जून को पंजाब विधानसभा के सत्र को  संवैधानिक रूप से वैध ठहराते हुए कहा कि राज्यपाल इस सत्र को वैध मानते हुए अपने पास लम्बित बिल पर फैसला लें। कोर्ट ने कहा कि विधानसभा सत्र की वैधता पर राज्यपाल की ओर से संदेह जताना सही नहीं है।

विधानसभा में जनता के चुने हुए प्रतिनिधि 

याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि विधानसभा में जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं। इसलिए राज्यपाल का सत्र को गैरक़ानूनी बताना उचित नहीं है। बता दें कि पंजाब सरकार ने 19 और 20 जून को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था और कुछ बिल पास किए थे। लेकिन राज्यपाल ने उन बिलों पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया और कहा कि उनके हिसाब से वह सत्र ही अवैध था। इसी का हवाला देकर उन्होंने बिल को कानून बनने से रोक दिया था।

राज्यपाल के फैसले के खिलाफ SC गई थी मान सरकार 

इसके बाद फिर जब पंजाब सरकार ने विधानसभा का सत्र बुलाया तो उसको भी अवैध घोषित कर दिया था। इसके बाद पंजाब सरकार राज्यपाल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई थी। इससे पहले मार्च महीने में भी पंजाब सरकार तब सुप्रीम कोर्ट आई थी जब राज्यपाल विधानसभा का सत्र बुलाने से ही मना कर रहे थे। मामला जब सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा तो राज्यपाल ने सत्र बुलाने को मंजूरी दे दी थी।

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