आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने बांग्लादेश में हिन्दू मंदिर में कथित तोड़फोड़ की निंदा करते हुए भारत से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की और कहा कि शेख हसीना सरकार वहां अल्पसंख्यक हिन्दुओं की सुरक्षा करने में पूरी तरह से विफल रही है। इंद्रेश कुमार ने कांग्रेस और सभी विपक्षी दलों से ‘धर्म एवं जाति की राजनीति’ से उपर उठकर इस घटना की निंदा करने की अपील की । आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य ने सरकार से वहां हिन्दुओं पर हमलों को रोकने के लिये बांग्लादेश पर दबाव बनाने की मांग की ।
उन्होंने आरोप लगाया कि पड़ोसी देश में हिन्दुओं को निशाना बनाया जाना जारी है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षण एवं संस्थापक कुमार ने मुस्लिम समाज से भी इन हमलों की निंदा करने को कहा । गौरतलब है कि रिपोर्टो के अनुसार, बृहस्पतिवार को ढाका में इस्कॉन राधाकांत मंदिर में 200 लोगों की भीड़ ने कथित तौर पर भक्तों पर हमला किया और तोड़फोड़ की । कुमार ने आरोप लगाया कि ढाका में वारी में 222 लाल मोहन साह मार्ग पर इस्कॉन राधाकांत मंदिर में 200 से अधिक लोगों की भीड़ ने हमला किया और वहां तोड़फोड़ की ।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता ने कहा कि बांग्लादेश में हर त्योहार के मौके पर सुनियोजित साजिश के तहत हिन्दुओं को निशाना बनाया जाता है। उन्होंने कहा कि इससे पहले दुर्गापूजा के अवसर पर भी ऐसी घटना घटी थी।
कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री शेख हसिना के नेतृत्व वाली सरकार बांग्लादेश में हिन्दुओं की सुरक्षा करने में पूरी तरह से विफल रही है । यह भयावह है। वहीं, विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त महामंत्री डा.सुरेन्द्र जैन ने कहा कि हाल ही में बांग्लादेश के ढाका में राधाकांत मंदिर पर 200 से अधिक कट्टरपंथियों द्वारा हमला किये जाने और तोड़फोड़ करने की घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब बांग्लादेश में त्योहार के मौके पर हिन्दुओं को ऐसे तत्वों के हमले का सामना करना पड़ता है। जैन ने कहा कि बांग्लादेश सरकार हिन्दुओं की सुरक्षा के लिये जवाबदेह है लेकिन वहां हिन्दुओं को डर के साये में रहना पड़ रहा है। विहिप के संयुक्त महामंत्री ने सवाल किया कि बांग्लादेश में कब तक हिन्दू अत्याचार सहता रहेगा ? उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना पर लगाम लगाने के लिये बांग्लादेश सरकार को अपने संविधान में बदलाव करना चाहिए तथा ऐसी घटनाओं पर संयुक्त राष्ट्र को भी ध्यान देना चाहिए।
Latest India News